भोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश मौसम अलर्ट: 10 संभाग में भारी बारिश का यलो अलर्ट, कई क्षेत्रों में बौछारें पड़ने के भी आसार

भोपाल। प्रदेश के कई संभाग में फिर से बारिश हल्की और तेज बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार को राजधानी सहित पूरे प्रदेश में रुक-रुककर बारिश होगी। विशेषकर भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में तेज बौछारें पड़ने के आसार हैं। प्रदेश में आने वाले एक सप्ताह तक तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। विभाग ने प्रदेश के 10 संभागों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया है।

पिछले 24 घंटे में कहां कितनी बारिश

रीवा 73.4 मिमी
सागर 55.4 मिमी
इंदौर 43.4 मिमी
नोगांव 38.8 मिमी
रायसेन 38.4 मिमी
मंडला 38 मिमी
सिवनी 30.6 मिमी
होशंगाबाद 25.2 मिमी
श्योपुर 24 मिमी
दतिया 19.4 मिमी
सतना 16.8 मिमी
खजुराहो 11.3 मिमी
टीकमगढ़ 7 मिमी
धार 6 मिमी
खण्डवा 6 मिमी
सीधी 5.6 मिमी
छिंदवाड़ा 5.2 मिमी
रतलाम 5 मिमी
ग्वालियर 5 मिमी
जबलपुर 1.9 मिमी
भोपाल 1.7 मिमी
भोपाल सिटी 1.8 मिमी
उज्जैन 3.6 मिमी
मलाजखंड 3.4 मिमी
नरसिंहपुर 3 मिमी
बैतूल 1.2 मिमी
गुना 0.6 मिमी
शाजापुर 0.2 मिमी

इन जिलों में बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना जताई है। विभाग के मुताबिक प्रदेश के 10 संभाग जबलपुर, सागर, रीवा, शहडोल, उज्जैन, इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं सीहोर, देवास, शाजापुर, आगर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, अलीराजपुर, झाबुआ, राजगढ़, गुना, श्योपुरकलां, जबलपुर, अनूपपुर, बालाघाट, सिवनी, धार, शिवपुरी, मुरैना जिलों में भारी बारिश की संभावना है।

एक सप्ताह तक रुक-रुक कर बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी मध्यप्रदेश में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब पूर्वी राजस्थान में पहुंचकर फिर कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। मानसून ट्रफ कम दबाव के क्षेत्र से गुना, टीकमगढ़, छतरपुर से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। एक अन्य ट्रफ अरब सागर से दक्षिणी गुजरात से दक्षिणी मध्यप्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ से ओडीशा तक बना हुआ है। वहीं शनिवार को बंगाल की खाड़ी में भी एक और कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अगले 48 घंटों के दौरान अवदाब के क्षेत्र में तब्दील होकर आगे बढ़ने की संभावना है। इन चार वेदर सिस्टम के प्रभाव से प्रदेश में एक सप्ताह तक रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है।

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