भोपाल

प्लानिंग से की गई स्टडी ने दिलाई सफलता, परिवार का रहा सपोर्ट

जेईई एडवांस 2023 रिजल्ट घोषित, एआईआर 487 के साथ शहर में सोहम सहस्त्रबुद्धे ने किया टॉप

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी ने रविवार को ज्वाइॅट एट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई एडवांस 2023) का रिजल्ट घोषित कर दिया। यह परीक्षा चार जून को भोपाल में चार केंद्रों पर आयोजित हुई थी, जिसमें करीब एक हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया था। रिजल्ट जारी होने के बाद जहां कुछ चेहरे एग्जाम पास करने की खुशी में जगमगा रहे थे, वहीं कुछ के हिस्से में मायूसी भी आई। शहर में एआईआर 487 के साथ सोहम सहस्रबुद्धे ने सिटी में टॉप किया है, जबकि एआईआर 598 के साथ संकल्प ओंकार ने दूसरा और एआईआर 613 के साथ ओजस वार्ष्णेय ने राजधानी में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। तीनों स्टूडेंट शहर की फिटजी कोचिंग के स्टूडेंट हैं। सफलता प्राप्त करने वाले स्टूडेंट ने बताया कि सफलता में परिवार का विशेष सहयोग रहा। साथ ही पूरी प्लानिंग के साथ सब्जेक्ट को प्लान कर मेहनत की।

11वीं क्लास से शुरू कर दी थी तैयारी

सिटी टॉपर सोहम ने बताया कि – 11वीं क्लास से जेईई की तैयारी शुरू कर दी थी। मैंने फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ्स तीनों विषयों को बराबर टाइम दिया था। रोजाना अपने टॉपिक प्लान करके चलता था। प्लान करके हर सब्जेक्ट को दो दिन और खुद के लिए एक दिन दिया था। एडवांस के लिए रोजाना करीब 6 घंटे पढ़ाई करता था और रिवीजन को एक अलग समय देता था। सेल्फ स्टडी के लिए नोट्स तैयार किए थे, जबकि ऑनलाइन टेस्ट भी देता था। कॅरियर के लिए सीएस मेरी पहली च्वाइस रहेगी।

पिछले सालों के पेपर ने प्रैक्टिस में की मदद

सैकंड टॉपर संकल्प ने कहा कि – मैंने मैथ्स पर ज्यादा ध्यान दिया, क्योंकि मैथ्स और फिजिक्स टफ लगते थे। साथ ही मॉक टेस्ट हल किए। तैयारी को और भी बेहतर करने के लिए पिछले साल के पेपर सॉल्व करता था। केमिस्ट्री को भी इग्नोर नहीं किया। रोजाना करीब 4 से 5 घंटे पढ़ाई की है। हर स्टूडेंट की तरह मेरे लिए भी नोट्स भी काफी बेनिफिशियल साबित हुए। स्ट्रेस कम करने के लिए अपनी हॉबीज को समय देता था। कॅरियर में मेरी पहली पसंद सीएस है, जबकि इलेक्ट्रिकल सेकंड है।

प्लानिंग के साथ की छह से सात घंटे स्टडी

जेईई के मेंस के टॉपर रहे ओजस ने इस बार तीसरी रैंक प्राप्त की है। वे कहते हैं कि- मेरा कोर सब्जेक्ट मैथ्स रहा और उसको लेकर मेरी स्ट्रेटजी भी काफी अच्छी थी। इसमें फिजिक्स-केमिस्ट्री पर ज्यादा ध्यान देना होता था। मैथ्स ही मेरे लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मै रोजाना 6 से 7 घंटे पढ़ाई करता था। एक टाइम टेबल प्लान किया था और उसको फॉलो करता था। कोचिंग के अलावा सेल्फ स्टडी मेरे लिए मददगार रही है। तैयारी के लिए मैं नोट्स और टेस्ट सीरीज की प्रैक्टिस करता था। आगे सीएस के लिए एप्लाई करूंगा।

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