अमेरिकी प्रशासन ने लोकतंत्र पर चर्चा के लिए वर्चुअल डेमोक्रेसी समिट का आयोजन किया है। 9 और 10 दिसंबर को होने वाले इस समीट के लिए अमेरिकी प्रशासन ने 110 देशों को न्योता भेजा है। जिसमें भारत, पाकिस्तान और ताइवान भी शामिल हैं। जबकि चीन को इस सूची से बाहर रखा गया है। विदेश विभाग ने मंगलवार रात को इस बात की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम जिसका उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रीय भागीदार के साथ एकजुटता दिखाना है। इस समिट के आयोजन की तीन मुख्य थीम रखी गई हैं, तानाशाही के खिलाफ संघर्ष, करप्शन से लड़ाई और मानवाधिकारों का सम्मान।
US President Biden has invited around 110 countries to a virtual summit on democracy at Dec 9-10 virtual summit
China is not invited, while Taiwan is invited according to list released by the State Department on Tuesday. Turkey, a member of NATO, is also missing from the list pic.twitter.com/HfwifR67Rg
— ANI (@ANI) November 24, 2021
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चीन हो सकता है नाराज
हालांकि अमेरिका के इस कदम से चीन नाराज हो सकता है। दरअसल, इस मीटिंग में अमेरिका ने अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी यानी चीन को आमंत्रित नहीं किया है, जबकि बैठक में ताइवान शामिल होगा। अमेरिकी प्रशासन के इस कदम से बीजिंग के नाराज होने का जोखिम है। वहीं चीन के अलावा तुर्की, जो अमेरिका की तरह नाटो का सदस्य भी प्रतिभागियों की सूची से गायब है।
अमेरिका ने इन 110 देशों को भेजा निमंत्रण
विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार बैठक में बुलाए गए लोगों की लिस्ट के मुताबिक कुल 110 देशों के नेताओं को इस सम्मेलन के लिए निमंत्रण दिया गया है। इन देशों में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्र के 4 देश भारत, मालदीव, नेपाल और पाकिस्तान को शामिल हैं। जानकारी के अनुसार इस बैठक में मामलों की चर्चा के मुख्य बिंदु के रूप में व्हाइट हाउस ने तीन प्रमुख विषयों का जिक्र हो सकता है। जिसमें ‘अधिनायकवाद के खिलाफ बचाव’, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग’, ‘मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाना’ शामिल है।
ब्राजील को नहीं किया गया था आमंत्रित
दरअसल, ये ऑनलाइन सम्मेलन 9-10 दिसंबर को होने वाला है। इसमें मिडिल इस्ट के देशों से केवल इज़राइल और इराक होंगे। वहीं अमेरिका के पारंपरिक अरब सहयोगियों – मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित नहीं किया गया है। बाइडेन प्रशासन ने इस बैठक के लिए ब्राजील को आमंत्रित किया है। हाल ही में ब्राजिल के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की आलोचना की गई थी। उनके बारे में कहा गया था कि वो सत्तावादी झुकाव रखते हैं।
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