
हाल ही में शिकागो में हुई अमेरिकन सोसायटी फॉर न्यूट्रिशन की एक कॉन्फ्रेंस में एक हेल्थ स्टडी को पेश किया गया। इस शोध में पता चला कि जिन लोगों ने 40 की उम्र में हेल्दी डाइट फॉलो करना शुरू कर दी थी, उनमें से 70 की उम्र में 84 फीसदी लोग फिजिकली और मेंटली हेल्दी थे। स्टडी के मुताबिक, अगर हम अपने पूर्वजों के सुझाए डाइट प्लान को फॉलो करें तो बेहतर जिंदगी जीने में मदद मिलेगी। इसमें समय और जलवायु के हिसाब से जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हेल्दी एजिंग का मतलब है कि हम शारीरिक या मानसिक रूप से किसी अन्य पर निर्भर न हों। इसके अलावा हम अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम हों। अपने फैसले स्वयं ले सकें और समाज में कुछ योगदान दे सकें। इसके लिए जरूरी है कि लोग फूड साइंस को समझें और उम्र के हर पड़ाव पर अपने आहार में बदलाव करें। इस काम में न्यूट्रिशनिस्ट की मदद ले सकते हैं।
40 से 45 साल की उम्र तक आते-आते चेंज करें अपनी डाइट
मिड लाइफ में यानी 40-45 की उम्र में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और अनसैचुरेटेड फैट से भरपूर भोजन किया जाए तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि बुढ़ापे में हमारी मानसिक, शारीरिक और कॉग्निटिव हेल्थ बेहतर होगी। समय के साथ धीरे-धीरे हमारा मेटाबॉलिज्म भी कमजोर होता जाता है ऐसे में डाइट मोडिफिकेशन जरूरी है। हेल्दी एजिंग की तरफ बढ़ना अच्छी बात है क्योंकि तब हम बहुत सोच-समझकर खाते-पीते हैं। हमें अपनी डाइट इस तरह तैयार करनी है कि उसमें सीमित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च हों। इसका उद्देश्य ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना है। महिलाएं जो मिनोपॉज की स्टेज पर पहुंचती हैं, उन्हें जॉइंट पेन और मूड स्विंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं, ऐसे में 48 प्लस वाली डाइट को फॉलो करना जरूरी हो जाता है ताकि उम्र के साथ आने वाली समस्याएं न बढ़ें।
गट हेल्थ का भी रखें खास ध्यान
अपने फैमिली डॉक्टर से अपने टेस्ट के बाद सही डाइट प्लान पता करें। उम्र के हिसाब से डाइट प्लान न्यूट्रिशनिस्ट से भी प्लान करा सकते हैं। समय-समय पर अपनी सेहत और गट हेल्थ के मुताबिक इसमें बदलाव भी करना जरूरी है, तो उसके लिए भी जागरूक रहें।
बढ़ती उम्र में फॉलो करें प्लांट बेस्ड डाइट, एंटी-ऑक्सीडेंट लें
प्लेनेटरी हेल्थ डाइट यानी प्लांट बेस्ड खाना खाएं और प्रोटीन की पूर्ति के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स लें। अपनी गट हेल्थ देखते हुए खानपान का निर्णय लें। जैसे मेडिटेरेनियन डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स और ऑलिव खाने पर जोर दिया जाता है। इंटरवेंशन फॉर न्यूरोडीजेनेरेटिव डिले डाइट को भी फॉलो करें। इसमें बेरीज, पत्तेदार साग और नट्स जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन पर जोर दिया जाता है। -डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, आहार विशेषज्ञ
रात को भिगोकर सुबह के समय खाएं ड्रायफ्रूट्स
आपकी डाइट में मौसमी सब्जियां, फल, होल ग्रेन्स को शामिल करना जरूरी है। ये कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, फाइबर और जरूरी पोषक तत्व का सोर्स होते हैं। शुगर ड्रिंक्स से दूरी बनाएं और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें। नमक और चीनी की मात्रा सीमित कर दें। उम्र बढ़ने पर डाइट में बादाम और अखरोट जरूर लें। कोशिश करें कि ड्रायफ्रूट्स को रात को भिगोकर सुबह के समय खाएं। इसके अलावा लाइट वर्कआउट जारी रखें। -निधि शुक्ला पांडे, न्यूट्रीशनिस्ट
खाने में सीजनल सब्जी, फल, चटनियां, बीन्स करती हूं शामिल
मैं अपनी डाइट में रेगुलर बेसिस पर बीन्स, तरह-तरह की चटनियां शामिल करती हूं। जैसे इस समय भुट्टे का मौसम है तो उससे लो-आइल रेसिपी बनाती हूं। मूंग दाल के चीले, रवे से बनी कुजिन्स, पालक के पराठे आदि लेती हूं। ज्यादा से ज्यादा सीजनल फूड शामिल करती हूं और इसका फायदा एनर्जी लेवल बूस्ट रखने में मिलता है क्योंकि खुद हेल्दी रहूंगी तभी फैमिली की केयर कर सकूंगी। -श्वेता सिंह, होममेकर