
भारत भवन में आदरांजलि ब.व. कारंत स्मृति समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को रंग कला प्रदर्शनी ‘आयाम’ से हुआ। इसमें रंगमंडल के कार्यकाल के दौरान मंचन सामग्रियां दर्शकों के देखने के लिए प्रदर्शित की गईं हैं। रंगमंडल सन 1981 से 2001 तक रहा। इस दौरान कुल 61 नाटकों के 1385 सामग्रियों को दर्शक देखकर दंग रह गए। आज के समय में अधिकांश पोस्टर कागज या फ्लैक्स पर बनते हैं लेकिन सालों पहले कपड़े के ऊपर नाट्य महोत्सव का शेड्यूल छापा जाता था।
मप्र रंगमंडल के पहले नाट्योत्सव में तैयार कपड़े का पोस्टर प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे दर्शक बड़े ध्यान से देखते और पढ़ते हुए नजर आए। इसके अलावा प्रदर्शनी में इंग्लैंड का वाद्ययंत्र पैन और गोंग वाद्यंत्र दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हुए नजर आए। समारोह के दूसरे चरण में रंग संगीत पर केंद्रित ब.व. कारंत का वक्तव्य, रिकार्डिंग के जरिए श्रोताओं को सुनाया गया। इसके बाद रंगमंच और ब.व. कारंत विषय पर बी.वी राजाराम, सरोज शर्मा और शम्पा शाह ने अपने विचार साझा किए।
रंगमंडल में इस्तेमाल होने वाली टोपियों का कलेक्शन
प्रदर्शनी में कलाकारों के मुखौटे, मंच की साज-सज्जा का सामान, सिंहासन, टीवी, रेडियो, तलवार, लालटेन, टेलीफोन, घड़ी, टोपी, पुस्तकालय, कपड़े की छतरियां आदि मंचन समाग्रियां प्रदर्शनी में लगाई गई हैं। ब.व कारंत के जीवन से जुड़े पहलुओं का पोस्टर लगाया गया है जिसमें लिखा है, उन्हें पद्मश्री 1981 , कालिदास सम्मान 1996 और गुब्बी वीरन्ना पुरस्कार 1977 में सम्मानित किया गया था।
मालाओं का संग्रह
रंगमंडल में नाट्य प्रस्तुतियों में इस्तेमाल होने वाली कई तरह की मालाओं का संग्रह यहां देखा जा सकता है, जिसमें कौड़ियों की माला, रुद्राक्ष की माला, मोतियों की माला सहित कई प्रकार की छोटी-बड़ी मालाएं देखी जा सकती हैं।