
राजीव सोनी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने ढाई साल बाद एक बार फिर यू टर्न लेते हुए आयकर कमिश्नरों को कारोबारियों पर सर्वे (औचक निरीक्षण) का अधिकार सौंप दिया है। विभाग में फेसलेस टैक्स असेसमेंट सिस्टम के बाद फील्ड के अफसरों से सर्वे के अधिकार वापस ले लिए गए थे। इसके बाद इन्वेस्टिगेशन विंग के पास ही सर्वे के अधिकार केंद्रित हो गए थे। टैक्स चोरी की बढ़ती शिकायतों को लेकर अब प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर और चीफ कमिश्नरों को अधिकार देने को टैक्स चोरों पर विभाग की धमक के ताैर पर देखा जा रहा है।
फेसलेस सिस्टम की व्यवस्था में बंद हो गए थे सर्वे
केंद्रीय बजट से ठीक पहले आयकर विभाग में हुए इस बड़े बदलाव से देशभर के छोटे-बड़े व्यापारियों में हड़कंप सा है। विभाग में कोई ढाई साल पहले लागू हुए फेसलेस सिस्टम के बाद कंपनी, कारोबारियाें, कार्यालयों और गोदाम आदि पर असेसमेंट विंग के अधिकारियों को सर्वे की कार्रवाई से रोक दिया गया था। इस दौरान टैक्स चोरी की शिकायतें और बढ़ गई थीं। आयकर एक्ट में प्रावधान होने के बाद अब सीबीडीटी ने इस संंबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
मिल रहीं खुफिया सूचनाएं
विभागीय सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग के पास कई स्रोतों से वित्तीय लेनदेन की सूचनाएं आती हैं। उसकी नजरों से टैक्स चोर अब बच नहीं सकते। ईमानदार करदाताओं को इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। नई व्यवस्था में फील्ड अफसरों को टैक्स चोरी के संदर्भ में पक्की सूचना है तो वे प्रिंसिपल चीफ कमिश्नरों की मंजूरी के बाद सर्वे की कार्रवाई करेंगे।
इन जगहों पर हो सकती है कार्रवाई
आयकर एक्ट की धारा 133 ए के तहत आयकर विभाग सर्वे की कार्रवाई करता है। इसमें आयकर अधिकारी खाते-बही और स्टॉक आदि का औचक निरीक्षण कर गड़बड़ी ढूंढते हैं। यह कार्रवाई कार्यालय, दुकान, प्रतिष्ठान, मेन्युफैक्चरिंग यूनिट, कंपनी, गोदाम या फैक्ट्री पर हो सकती है।
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इस प्रावधान के तहत बदलाव
नए बदलाव में नॉन फेसलेस सिस्टम के अधिकारी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर की अनुमति से सर्वे की कार्रवाई को अंजाम देंगे। सीबीडीटी ने द टैक्सेशन ऐंड अदर लाॅज रिलैक्सेशन ऐंड अमेंडमेंट ऑफ सर्टेन प्रोविजन्स एक्ट 2020 के तहत यह बदलाव किया है।
टैक्स चोरी पर अंकुश लगाने की मंशा
भोपाल के चार्टर्ड अकाउंटेंट मिलिंद शर्मा कहते हैं कि सीबीडीटी के ताजा नोटिफिकेशन के बाद छोटे करदाताओं पर सर्वे होने की संभावना है। बदलाव के पीछे विभाग की मंशा टैक्स चोरी पर अंकुश लगाने की है।
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