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इंदौर में पीली गैंग का आतंक : राजवाड़ा पर व्यापारियों और नगर निगम कर्मियों के बीच हाथापाई; घटना CCTV में कैद

हेमंत नागले, इंदौर। इंदौर शहर के राजवाड़ा स्थित एक शोरूम संचालक से नगर निगम कर्मचारियों का सोमवार को विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि व्यापारी और नगर निगम कर्मियों के बीच हाथापाई हो गई। घटना के बाद जहां व्यापारियों में आक्रोश है, वहीं दूसरी ओर व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम कर्मी हमेशा से इसी तरह से विवाद करते हैं और शोरूम के बाहर बने हुए फुटपाथ पर सामान रखने को अतिक्रमण बताते हैं। जब भी नगर निगम की गाड़ियां आती हैं, वह कुछ ना कुछ व्यापारियों का नुकसान करते हैं। ऐसे में व्यापार करना मुश्किल हो गया है और व्यापारी अब इस विवाद की शिकायत नगर निगम कमिश्नर और क्षेत्रीय पार्षद से भी करेंगे। घटना का सीसीटीवी सामने आने के बाद अब तक नगर निगम अधिकारियों ने मीडिया के सामने किसी प्रकार से अपना कोई भी पक्ष नहीं रखा है।

क्या है मामला ?

घटना के समय मौजूद राजवीर होरा का कहना था कि सोमवार दोपहर 2 से 3 बजे के लगभग नगर निगम के 20 से 25 कर्मचारी आए और प्रिंस यशवंत रोड पर उनके शोरूम के बाहर बने हुए डमी को उठाने के दौरान यह विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि निगम कर्मी और व्यापारी के बीच हाथापाई हो गई। घटना के बाद व्यापारियों ने नगर निगम कर्मियों पर अवैध वसूली का जहां आरोप लगाया, वहीं व्यापारियों का कहना था कि एक डमी लगभग 6 से 7 हजार की आती है और नगर निगम कर्मचारी आए दिन इस प्रकार से बड़ा नुकसान व्यापारियों का करते हैं। नगर निगम कर्मचारी आए दिन इसी प्रकार से व्यापारियों को परेशान करते हैं और नगर निगम का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस प्रकार के विवाद में कोई भी व्यापारियों की सहायता करने को तैयार नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ सड़क किनारे अतिक्रमण हटाने को लेकर कार्यवाही की जाती है और शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का पुलिंदा इसी तरह से बना रहे।

पीली गैंग का फिर से आतंक शुरू

कुछ समय पहले जहां इंदौर नगर निगम द्वारा कुछ इस तरह से कृत्य किए गए थे कि निगम की गाड़ियों को पीली गैंग कहा जाने लगा था फिर चाहे बुजुर्ग व्यक्तियों को उठाकर शहर से बाहर फेंकने का मामला हो या फिर लॉकडाउन के दौरान अंडे के ठेले को पलटाकर नगर निगम ने जिस तरह से अपनी पूरी छवि को धूमिल कर दिया था। एक बार फिर नगर निगम अपनी छवि को धूमिल करने में लगा हुआ है।

पहले सीएम तक को हो चुकी है निगम की शिकायत

गौरतलब है कि इससे पहले इंदौर नगर निगम कि जब भी शिकायत हुई है वह प्रदेश के मुखिया तक पहुंची है, जिसके बाद नगर निगम के अधिकारियों को फटकार भी लगी है। वहीं, स्मार्ट सिटी का दर्जा ले चुकी इंदौर में एक बार फिर नगर निगम की छवि को धक्का लगा है और इसे साफ करने में नगर निगम के अधिकारियों को कई समय लग सकता है।

स्वच्छता में 7वीं बार नंबर वन आने की चल रही कवायद

छह बार स्वच्छता में नंबर वन आने के बाद नगर निगम सातवीं बार भी स्वच्छता में नंबर वन आने के लिए अपनी तैयारी में लगा हुआ है। उसके बावजूद भी नगर निगम के कर्मचारी इस तरह से जो राह चलते व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं, उससे शायद तक नगर निगम की छवि सुधारने में और उसे 7वीं बार नंबर वन लाने के लिए काफी नगर निगम को जोर आजमाइश करनी होगी।

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