भोपालमध्य प्रदेश

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामला: जेल विभाग की बैठक में नरोत्तम मिश्रा बोले- हॉटलाइन से जुड़ेंगे थाने, जांच समिति गठित

भोपाल। अहमदाबाद ब्लास्ट में फांसी की सजा पाने वाले 38 में से 6 दोषियों के भोपाल सेंट्रल जेल में बंद है। इस वजह से अब यहां की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को पुलिस और जेल विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक की। जिसमें कई निर्णय लिए गए।

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एडीजी की अध्यक्षता में बनेगी समिति

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उच्चस्तरीय बैठक को लेकर मीडिया से चर्चा में कहा कि भोपाल सेंट्रल जेल में बंद अहमदाबाद ब्लास्ट के सजा काट रहे दोषियों की सुरक्षा की समीक्षा के लिए जेल विभाग के एडीजी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। उनके साथ डीआईजी जेल और भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक भी रहेंगे। समिति प्रतिदिन सुरक्षा की समीक्षा करेगी। इसमें सजायाफ्ता लोगों से मुलाकात करने वालों और खान-पान आदि मुद्दों पर प्रतिदिन समीक्षा करेगी।

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पुराने ताले बदले जाएंगे, कैमरे होंगे ठीक

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भोपाल सेंट्रल जेल में बंद अहमदाबाद ब्लास्ट के सभी दोषियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह बड़ा फैसला लिया गया है कि जेल में जितने भी पुराने ताले हैं उन्हें बदलकर नए ताले लगाए जाएं। इलेक्ट्रिक फेंसिंग, हाईमास्ट और सीसीटीवी कैमरे जितने भी लगे हैं, सभी का परीक्षण कर लिया जाएगा। कोई भी तकनीकी खराबी हो तो ठीक करा लिया जाए।

फोन की हॉटलाइन लगाई जाएगी

नरोत्तम मिश्रा आगे कहा कि सिमी के लोगों को जिस साढ़े चार करोड़ रुपए की अंडा सेल में रखा है, उनमें ही अहमदाबाद ब्लास्ट के सजायाफ्ता दोषियों भी हैं। बैठक में ये फैसला किया है कि अंडा सेल के लिए अलग से टॉवर बनाया जाए। जेल से नजदीकी थाने के लिए फोन की हॉटलाइन व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं जिससे जेल से जब भी वहां फोन जाए तो उसकी अलग से पहचान हो जाए और वह तुरंत अटैंडेंट हो जाए।

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जेल के भीतर और बाहर इनका रहेगा पहरा

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मीटिंग में ये भी तय किया कि जेल के भीतर सुरक्षा की जिम्मेदारी जेल विभाग तथा जेल के बाहर की निगरानी व सुरक्षा की जिम्मेदारी भोपाल पुलिस की होगी। जेल के बाहर आसपास भोपाल पुलिस लगातार निगरानी करेगी। जेल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की उपलब्धता के भी निर्देश दिए गए हैं।

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