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MP की यूनिवर्सिटी में हड़ताल, सभी परीक्षाएं स्थगित, BU के कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे; देखें VIDEO

भोपाल। चुनावी साल में मध्य प्रदेश की सभी सरकारी यूनिवर्सिटी के कर्मचारी, अधिकारी और शिक्षक के हड़ताल पर जाने से छात्रों के लिए समस्या खड़ी हो गई है। इस आंदोलन की वजह से भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) और जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। इससे विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है।

कर्मचारियों ने शुरू की भूख हड़ताल

दरअसल, मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय संयुक्त संघर्ष समिति का क्रमबद्ध कार्य बहिष्कार आंदोलन शुक्रवार को भी जारी है। ये आंदोलन 15 मई से जारी है। सभी विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों ने शुक्रवार से क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। साथ ही प्रत्येक विश्वविद्यालय में सभी संघों के पदाधिकारी एवं सदस्यगण क्रमिक भूख हड़ताल पर भी बैठे हैं।

यूनिवर्सिटी में टेंट लगाकर बैठे कर्मचारी

बता दें कि विश्वविद्यालय परिसर में टेंट लगाकर कर्मचारी और अधिकारी धरने पर बैठ गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। नियमों के अंदर हमारी मांगे जो पूरी होनी चाहिए। इसमें संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक प्रोफेसर कालिका यादव, अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर एलएस सोलंकी, राज्य विश्वविद्यालय सेवा पेंशनर संघ के अध्यक्ष डॉ. बी भारती, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की उपाध्यक्ष प्रोफेसर अनिता धुर्वे एवं संयुक्त संघर्ष समिति के सचिव लखन सिंह परमार भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

ये हैं कर्मचारियों की 9 सूत्रीय मांगे

  • शासन के कर्मचारियों के समान सातवें वेतनमान से पेंशन एवं डीए का भुगतान किया जाए।
  • विश्वविद्यालयों में 2007 के पश्चात कार्यरत स्थाई कर्मचारियों को तत्काल वेतन भुगतान किया जाए।
  • स्थाई कर्मचारियों को तत्काल नियमित किया जाकर 7वां वेतनमान प्रदान किया जाए।
  • मप्र के विश्वविद्यालयों में कुलसचिव के पद पर विश्वविद्यालयीन सेवा के अधिकारियों को ही पदोन्नत कर नियुक्ति प्रदान की जाए।
  • समन्वय समिति के निर्णय अनुसार मेडिक्लेम पॉलिसी विश्वविद्यायों में तत्काल लागू की जाए।
  • विश्वविद्यालयों में 2005 के पश्चात नियुक्त अधिकारियों, शिक्षको कर्मचारियों हेतु पुरानी पेन्शन लागू की जाए।
  • अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के 84 कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान सभी लाभ प्रदान किए जाए।
  • विश्वविद्यालयों में प्रदान किए जा रहे श्रमसाध्य भत्ते पर पुर्नविचार करते हुए सभी विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों को प्रदान किया जाए।
  • विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को तत्काल पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जाए।

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