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सावधान! वजन घटाने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल कर दें बंद, WHO ने दी चेतावनी- हो सकता है जानलेवा

नई दिल्ली। इन दिनों हर कोई फिट रहने की पूरी कोशिश में रहता है। ऐसे में लोग वजन घटाने के लिए खानपान में बदलाव करने के साथ ही सबसे पहले शक्कर खाना छोड़ देते हैं। हालांकि, इसके बदले में वह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन शक्कर के सब्स्टीट्यूट के इस्तेमाल से सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। WHO ने भी इसको लेकर चेतावनी दी है कि, आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर से हो सकता है जान का खतरा

स्लिम-ट्रिम और सुंदर दिखने की चाहत में पिछले कुछ समय से लोगों के बीच चीनी के विकल्प के तौर पर आर्टिफिशियल स्वीटनर का ट्रेंड बढ़ गया है। डायबिटीज के रोगियों से लेकर वजन घटाने के लिए भी लोग चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

लेकिन WHO ने सावधान किया है कि शुगर फ्री वाला मीठा आपको असल में डायबिटीज़ दे सकता है, आपको दिल की बीमारी हो सकती है, आप और ज्यादा मोटे हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Non-Sugar Sweeteners पर नई गाइडलाइन जारी की है। रिसर्च के मुताबिक लंबे समय तक आर्टिफिशियल स्वीटनर के प्रयोग से जान को खतरा हो सकता है।

क्या है आर्टिफिशियल स्वीटनर?

आर्टिफिशियल स्वीटनर एक तरह का शुगर सब्सिट्यूट हैं, जिन्हें कुछ प्राकृतिक और कुछ केमिकल्स को मिलाकर बनाया जाता है। उनका स्वाद चीनी की तरह ही होता है लेकिन ये चीनी से कहीं अधिक मीठे होते हैं। आर्टिफिशियल स्वीटनर लेस कैलोरी या जीरो कैलोरी वाले होने की वजह से दावा किया जाता है कि, इनके सेवन से आपका वजन नहीं बढ़ेगा लेकिन यह दावा भी पूरी तरह सही नहीं है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर के कुछ प्रकार

सुक्रालोज (sucralose), एसेसल्फेम के (acesulfame K), सोर्बिटोल (sorbitol), स्टीविया (steviol glycosides), जाइलिटॉल (xylitol), एस्पार्टेम (aspartame), सैकरीन (saccharin) समेत कई आर्टिफिशियल स्वीटर्नस और उससे जुड़े उत्पाद पिछले कुछ समय में सामने आए हैं।

बच्चे हो रहे ज्यादा मोटापे के शिकार

WHO के मुताबिक, 2020 में दुनिया में 5 वर्ष से कम के मोटे बच्चों की तादाद लगभग 4 करोड़ थी। ऐसे में बहुत बड़ी आबादी डायबिटीज के खतरे में है या मोटापा कम करने के चक्कर में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों को दस वर्ष तक Non-Sugar Sweeteners या आर्टिफिशियल स्वीटनर दिए गए, वो मोटे हो गए। पिछले कुछ समय में हुई कई रिसर्च बताती हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर इंसान के शरीर का मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब कर सकते हैं।

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