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Sri Lanka Crisis: देश छोड़कर भागे श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे, इस्तीफा देने के बाद इस पड़ोसी देश में ली शरण

आर्थिक संकट के जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं। राजपक्षे ने विरोध के 139 दिन बाद अपना इस्तीफा भी दे दिया है। हाल ही में राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद राजपक्षे यहां से भागकर किसी अज्ञात जगह चले गए थे। आज संसद में उनके इस्तीफे की घोषणा हो सकती है और इसके साथ ही अंतरिम राष्ट्रपति के नाम का भी ऐलान होगा।

राजपक्षे ने कहां ली शरण

राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पहले परिवार समेत खुद के लिए सुरक्षा मांगी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंकाई एयरफोर्स मीडिया डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, फर्स्ट लेडी और दो बॉडीगार्ड्स को मालदीव जाने के लिए रक्षा मंत्रालय से इमीग्रेशन, कस्टम और बाकी कानूनों को लेकर पूरी अनुमति दी गई थी। 13 जुलाई की सुबह उन्हें एयरफोर्स का एक एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराया गया था।

गिरफ्तारी का था डर!

गोटबाया राजपक्षे को इस बात का डर था कि राष्ट्रपति पद से अधिकारिक तौर पर इस्तीफा देने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गोतबाया राजपक्षे का हस्ताक्षरित इस्तीफा एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंप दिया गया था जो इसे संसद अध्यक्ष को सौंपेंगे।

मंगलवार को भी की थी देश छोड़ने की कोशिश

8 जुलाई के बाद से गोटाबाया कोलंबो में नहीं दिख रहे थे। उन्होंने 12 जुलाई को नौसेना के जहाज से भागने की कोशिश की, लेकिन पोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पासपोर्ट पर सील लगाने के लिए VIP सुईट में जाने से इनकार कर दिया था।

देश से भागना चाहते हैं राजपक्षे के भाई

बीती रात राजपक्षे के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन स्टाफ और एयरपोर्ट कर्मियों ने देश छोड़ने से रोक लिया था। बासिल श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री हैं। हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया था।

जानिए श्रीलंका संकट में अब तक क्या-क्या हुआ?

15 मार्च 2022 : राजपक्षे परिवार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने विद्रोह शुरू कर दिया था। जिसके बाद सरकार ने खाद्य वस्तुओं पर इमरजेंसी लगा दिया।

2 अप्रैल 2022 : राष्ट्रपति आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए श्रीलंका में आपातकाल लगाया गया। जिसे 5 दिन बाद वापस ले लिया गया।

4 अप्रैल 2022 : बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए 26 मंत्रियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था।

6 मई 2022 : विरोध प्रदर्शन उग्र होने लगा। जगह-जगह पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प होने लगी। जिसके बाद दोबारा आपतकाल लगाया गया।

9 मई 2022 : महिंद्रा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद रानिल विक्रमसिंघे नए प्रधानमंत्री बनाए गए।

5 जुलाई 2022 : प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे द्वारा श्रीलंका के दिवालिया होने की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारी फिर उग्र हो गए।

9 जुलाई 2022 : हजारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास में घुस गए। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति गोटबाया भाग खड़े हुए।प्रदर्शनकारियों ने लगाई पीएम के घर में आग। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा- वह भी इस्तीफा देने को तैयार हैं। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने श्रीलंका संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने से कहा कि वह 13 जुलाई को पद छोड़ देंगे।

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15 जुलाई तक सभी स्कूल, 4 यूनिवर्सिटी बंद

श्रीलंका का आर्थिक और राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। सरकार ने देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 15 जुलाई तक सभी स्कूलों के साथ-साथ 4 स्टेट यूनिवर्सिटी को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।

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राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से चल रहा आंदोलन

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से ‘Gota Go Gama’ और ‘Gota Go Home’ आंदोलन जारी है। सिंहली भाषा में गामा का मतलब गांव होता है।

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आर्थिक संकट की वजह से लोगों के पास खाना तक नहीं

श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसकी वजह से कई परिवारों को भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। हर चीज की कीमत आसमान छू रही हैं। गैस की कमी के कारण लोग घरों में चूल्हा जला रहे हैं। बुधवार को जारी विश्व खाद्य कार्यक्रम के ताजा आंकलन के मुताबिक, करीब 62 लाख लोगों को भोजन कैसे मिलेगा, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। श्रीलंका में 10 में से तीन परिवारों को इस बात का भी पता नहीं है कि उन्हें अगला भोजन कब और कहां मिलेगा।

मई में जो महंगाई 39.1% थी, वो जून में बढ़कर 54.6% हो गई है। अगर सिर्फ खाद्य महंगाई को देखें तो मई में जो 57.4% थी, वो जून में बढ़कर 80.1% हो गई है।

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