
मनीष दीक्षित/भोपाल। मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को एक्सटेंशन मिलेगा कि नहीं, यह सवाल आजकल प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। डॉ. मोहन यादव सरकार जल्द ही इस बारे में निर्णय कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो वे एक नया रिकॉर्ड बनाएंगी। सेवावृद्धि के बाद वे प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव होंगी, जिनको एक्सटेंशन मिलेगा। प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव, निर्मला बुच को कोई एक्सटेंशन नहीं दिया गया था। हालांकि, अपने छोटे से कार्यकाल में वीरा राणा ने एक रिकॉर्ड तो बना ही लिया है। वे मप्र की पहली महिला आईएएस अधिकारी बन गई हैं, जो दो मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुकी हैं। वीरा राणा को मुख्य सचिव का प्रभार तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिया था। उसके बाद डॉ. मोहन यादव का कार्यकाल शुरू होने के कुछ दिनों बाद उन्होंने वीरा राणा को मुख्य सचिव बना दिया। निर्मला बुच ने केवल सुंदरलाल पटवा के साथ ही काम किया था और उनके कार्यकाल में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया था। अपने छोटे से कार्यकाल में राणा की मुख्यमंत्री समेत अन्य अफसरों से भी अच्छी ट्यूनिंग बन गई है। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी भी बिना किसी दबाव के काम कर रही है।
10 मार्च के पहले मिल सकता है एक्सटेंशन
वर्तमान मुख्य सचिव 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगी। मार्च के पहले पखवाड़े में लोस चुनाव की घोषणा भी होगी। इसके पहले उन्हें सेवावृद्धि दी जा सकती है। दरअसल, ऐसा नहीं होता है तो फिर अगला मुख्य सचिव सरकार अपनी पसंद से पदस्थ नहीं कर पाएगी। वरिष्ठता के आधार पर चुनाव आयोग को तीन नाम प्रस्तावित करने होंगे और फिर उसकी सहमति से ही पदस्थापना होगी। सामान्यत: ऐसे मामलों में वरिष्ठता के आधार पर पदस्थापना होती है।
एक्सटेंशन दिलाने के पक्ष में प्रदेश सरकार
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि सरकार किसी नए अधिकारी के स्थान पर वीरा राणा को ही सेवावृद्धि दिलाने के पक्ष में नजर आ रही है। चूंकि, उन्हें मुख्य सचिव पद पर काम करने के लिए कम समय मिला है और सीएम डॉ.मोहन यादव से उनका तालेमल भी अच्छा है, इसलिए सेवावृद्धि की उम्मीद है। इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री से अनुरोध किया जाएगा और उनके अनुमोदन से चुनाव की घोषणा के पहले सेवावृद्धि मिल सकती है।
…तो वरिष्ठता क्रम में तीन नाम प्रस्तावित करने होंगे
वीरा राणा को सेवावृद्धि नहीं मिलती तो फिर चुनाव आयोग को वरिष्ठता के अनुसार तीन नाम प्रस्तावित करने होंगे। इसमें प्रदेश में उपलब्ध वरिष्ठ अधिकारी 1988 बैच के संजय बंधोपाध्याय, 1989 बैच के मो. सुलेमान और इसी बैच के विनोद कुमार के नाम भेजे जाएंगे। बंदोपाध्याय हाल में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से प्रदेश वापस भेजे गए हैं और अगस्त 2024 में सेवानिवृत्त होंगे। मो. सुलेमान जुलाई 2025 और विनोद कुमार मई 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।
इकबाल सिंह बैंस को मिली थी दो सेवावृद्धि
पिछले वर्ष नवंबर महीने में हुए विधानसभा चुनावों के बाद यह दूसरा अवसर है , जब मुख्य सचिव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। वीरा राणा के पहले मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की दूसरी सेवावृद्धि की अवधि चुनाव के समय पूरी हुई थी और सरकार ने तीसरी सेवावृद्धि दिलाने के स्थान पर वरिष्ठता के आधार पर चुनाव आयोग की सहमति से 1988 बैच की अधिकारी वीरा राणा को मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया था।