नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नीट यूजी- 2024 से जुड़ी 40 याचिकाओं की सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को शहर और केंद्रवार परिणाम अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। एनटीए को यह रिजल्ट अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक जारी करना है। शीर्ष अदालत इस मामले में 22 जुलाई को फिर सुनवाई करेगी।
सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने अभ्यर्थियों के वकीलों से परीक्षा आयोजन में व्यापक गड़बड़ियों के बारे में अपना दावा साबित करने को कहा, जिसमें प्रश्नपत्र लीक होना भी शामिल है, जिसके कारण परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने की जरूरत हो। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पेपर लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक ही थी। गोधरा में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। हालांकि, परीक्षा रद्द होगी या नहीं 23.33 लाख एस्पिरेंट्स को इस सवाल के जवाब के लिए और इंतजार करना होगा।
कोर्ट रूम लाइव
- सीजेआई : सवाल यह है कि पेपर लीक कब हुआ? बैंकों की कस्टडी से पहले, 3 मई से पहले। या जब पेपर्स बैंकों से निकालकर सेंटर्स को भेजे?
- एसजी (तुषार मेहता) : कोई लीक नहीं हुआ है।
- सीजेआई: गड़बड़ी कब हुई?
- एसजी : गड़बड़ी एक केंद्र पर हुई। सुबह 8.02 से 9.23 बजे के बीच एक व्यक्ति अंदर जाता है, पेपर की फोटो लेकर बाहर आ जाता है।
- सीजेआई : ऐसा होता है तो छात्रों को सुबह 10.15 बजे पेपर मिला। 180 प्रश्न हैं। क्या यह संभव है कि कोई सॉल्वर 9.30 से 10.15 के बीच सॉल्व कर छात्रों को दे?
- एसजी: 7 सॉल्वर्स थे और उन्होंने 25-25 छात्रों को बांट दिया।
- सीजेआई :45 मिनट में सॉल्व कर छात्रों को देना ये दूर की कौड़ी है।
- नरेंद्र हुड्डा (याचिकाकर्ता के वकील) : लीक हुए पेपर्स के प्रसार और लाभार्थियों का सटीक तरीके से पहचान करना असंभव है।
- सीजेआई: पेपर लीक का उद्देश्य नीट परीक्षा को नेशनल लेवल पर तमाशा बनाना नहीं है। लोग पैसे के लिए ऐसा कर रहे थे। जो इससे पैसा कमा रहा है, वह इसे बड़े पैमाने पर सर्कुलेट नहीं करेगा।
- सीजेआई : इसे टेलीग्राम चैनल पर कब डाला गया?
- वर्धमान कौशिक (एनटीए के वकील) : टेलीग्राम के वीडियो से छेड़छाड़ हुई थी। इसे एडिट किया था।
- एसजी : टेलीग्राम चैनल में इनबिल्ट फीचर है। कोई चेंज किया जाता है, तो यह दिखाई देगा। यह परीक्षा के बाद सर्कुलेट किया गया था।
कोर्ट में एनटीए की दलील
- नीट यूजी में कोई सिस्टेमैटिक फेलियर नहीं था। बिहार की घटना आपराधिक गतिविधि है। 17 संदिग्धों के परिणाम रोक दिए हैं।
- आईआईटी मद्रास के डेटा एनालिटिक्स में अनियमितता नहीं मिली, बड़ी गड़बड़ी के संकेत नहीं हैं।
- छात्रों को पेपर याद करने के लिए सिर्फ 2 घंटे मिले। 18 छात्रों में से सिर्फ एक छात्र को ही एडमिशन मिलने की संभावना है।
- पेपर रटने वालों की सटीक संख्या नहीं बता सकते, लेकिन यह 150 से ज्यादा नहीं हो सकती।
5 मई को 23.33 लाख छात्रों ने दी थी परीक्षा
पांच मई को 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी।
हमें शीर्ष अदालत पर पूरा विश्वास है
सुप्रीम कोर्ट नीट यूजी 2024 के मामले में अब तक के सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि शीर्ष अदालत छात्रों के हित में निर्णय लेगी। – पल्लवी वर्मा, छात्रा, भोपाल