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EC ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा नया डेटा किया जारी, राजनीतिक दलों ने सील बंद लिफाफे में सौंपी थी रिपोर्ट, BJP ने सबसे ज्यादा 6,986 करोड़ के बॉन्ड कैश कराए

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से 16 मार्च को मिला इलेक्टोरल बॉन्ड का नया डेटा रविवार को अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया। यह डेटा आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सौंपा था। इससे पहले आयोग ने 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर 763 पेजों की दो लिस्ट अपलोड की थी। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी है। जबकि दूसरी में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड की डिटेल है। SBI ने इसमें यूनीक अल्फा न्यूमेरिक नंबर्स का खुलासा नहीं किया था। इससे यह पता नहीं चल सका कि किसने किसे कितना चंदा दिया है। इसे लेकर कोर्ट ने 15 मार्च को SBI को नोटिस जारी कर 18 मार्च तक जवाब मांगा था।

आयोग ने क्या कहा

आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा किया गया था। 15 मार्च, 2024 के कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने सीलबंद कवर में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ फिजिकल कॉपीज वापस कर दी।

बीजेपी ने 6,986.5 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए

नए डेटा के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने कुल 6,986.5 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश करवाए। पार्टी को 2019-20 में सबसे ज्यादा 2,555 करोड़ रुपए मिले। कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल 1,334.35 करोड़ कैश करवाए।

डीएमके को फ्यूचर गेमिंग से मिले 509 करोड़

डीएमके को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 656.5 करोड़ रुपए मिले, जिसमें लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के फ्यूचर गेमिंग से 509 करोड़ भी शामिल हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से भाजपा के बाद सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपए मिले।

किस पार्टी को कितना चंदा

·         समाजवादी पार्टी (सपा) को चुनावी बांड के जरिए 14.05 करोड़

·         अकाली दल को 7.26 करोड़,

·         ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) को 6.05 करोड़,

·         नेशनल कॉन्फ्रेंस को 50 लाख रुपए मिले।

·         बीजेडी को 944.5 करोड़ रुपए,

·         वाईएसआर कांग्रेस को 442.8 करोड़ रुपए,

·         टीडीपी को 181.35 करोड़ रुपये का दान इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिला।

पार्टियों ने मांगे बॉन्ड्स के यूनीक नंबर्स

आयोग की वेबसाइट पर मौजूद डेटा के मुताबिक कुछ पार्टियों ने SBI से बॉन्ड्स के यूनीक नंबर्स मांगे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि उसे नंबर्स चाहिए ताकि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर सके। भारतीय जनता पार्टी ने SBI से ऐसी कोई अपील नहीं की है, बल्कि उसने पूरा डेटा दिया है। बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि उसे चुनावी बॉन्ड के जरिए कोई चंदा नहीं मिला है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी कहा कि उसे भी इलेक्टोरल बॉन्ड्स से चंदा नहीं मिला। कांग्रेस ने कहा कि वह SBI द्वारा चुनाव आयोग को दिया गया डेटा जारी करेगी।

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