
नई दिल्ली। संसद में आज मानसून सत्र का तीसरा दिन है। विपक्षी दलों के सदस्यों ने आम बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में राज्यों का नाम न लेने का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है। विपक्ष के नेता शेम-शेम के नारे लगाते हुए सदन से बाहर निकल गए।
वित्त मंत्री बोलीं- सभी राज्यों का नाम लेना संभव नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विपक्ष के नेता के आरोप का जवाब देने के लिए खड़ी हुई तो कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में सभी राज्यों का नाम लेना संभव नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय बजट में किए गए प्रावधानों का उल्लेख किया और कहा कि सभी राज्यों के लिए आवश्यक और नियमित प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए महाराष्ट्र में बधावन बंदरगाह के लिए 76 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के लिए भी योजनाओं और कार्यक्रमों के नामों का उल्लेख किया।
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अन्य राज्य को कुछ नहीं मिला : खड़गे
सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्य काल के दौरान कहा कि कल संसद में पेश केंद्रीय बजट में केवल दो राज्यों को छोड़कर अन्य राज्य को कुछ नहीं मिला है। उन्होंने विभिन्न राज्यों के नाम गिनाते हुए कहा कि इन का विकास प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि बजट केवल कुर्सी बचाने के लिए है और पूरी तरह से नकारात्मक है। उनकी पार्टी इस बजट की घोर निंदा करती है। उन्होंने कहा, इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला। सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी।
मैंने ऐसा बजट कभी नहीं देखा : खड़गे
खड़गे ने दावा किया कि बजट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और ओड़िशा सहित कई राज्यों को कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऐसा बजट कभी नहीं देखा। यह सिर्फ किसी को खुश करने के लिए…कुर्सी बचाने के लिए… यह सब हुआ है। हम इसकी निंदा करते हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ‘इंडिया’ गठबंधन के दल इसकी निंदा करते हैं।” खड़गे ने आरोप लगाया कि जिन क्षेत्रों में विपक्षी पार्टी चुनकर आई है या जहां जनता ने सत्तारूढ़ पार्टी को नकार दिया है, उन क्षेत्रों को बजट में नजरअंदाज किया गया है।
पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप
आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में अक्सर हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं होता है लेकिन इसका यह लगाना कि राज्यों को नजरअंदाज किया गया, अनुचित है। विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे ऐसा विमर्श गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं कि बजट में राज्यों को कुछ नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता ने जो आरोप लगाए हैं, वे अस्वीकार्य हैं।”
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने बजट में पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। इस पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कई केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू नहीं कर रही है। थोड़ी देर के लिए इस मुद्दे पर सदन में हंगामा भी हुआ। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से कहा कि बजट पर चर्चा के लिए 20 घंटे का समय आवंटित किया गया और इस दौरान सभी सदस्य विस्तार से अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह चर्चा के समय को और बढ़ा देंगे और सभी को बोलने का मौका देने का प्रयास करेंगे। इसके बाद शून्यकाल आरंभ हुआ और सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ी।
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