राष्ट्रीय

Russia-Ukraine के बीच सुलह कराएगा भारत? दिल्ली पहुंच रहे रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत दौरे पर आ रहे हैं। पिछले एक महीने से चल रही जंग में भारत अपनी तटस्थ नीति के चलते दुनिया का पावर सेंटर बनता जा रहा है। हाल ही में चीन के विदेश मंत्री भारत दौरा करके गए हैं। वहीं अब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत दौरे पर आ रहे हैं।

कब आएंगे रूसी विदेश मंत्री

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च से 1 अप्रैल तक दिल्ली दौरे पर रहेंगे। लावरोव दिल्ली में विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बातचीत करेंगे। जहां रूस-यूक्रेन के बीच सुलह कराने का फार्मूला निकल सकता है। रूस के विदेश मंत्री लावरोव भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने से पहले चीन में अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। बीजिंग द्वारा आयोजित यह तीसरी ऐसी बैठक है।

रूस और यूक्रेन के बीच क्या सुलह कराएगा भारत?

रूस-यूक्रेन की बीच एक महीने से भी ज्यादा समय से चल रहे युद्ध पर विराम लगाने में भारत अहम भूमिका निभाने वाला है। रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव का अचानक भारत दौरा इसी दिशा में अहम कदम है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नफ्ताली बेनेट से बातचीत करेंगे। इसके बाद नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत कर सकते हैं। बातचीत होने पर जंग खत्म करने को लेकर हल निकल सकता है। इजरायल के अमेरिका और यूक्रेन से भी बेहतर संबंध हैं।

ये भी पढ़ें- UNSC में रूस की बड़ी हार: भारत ने भी नहीं किया समर्थन, यूक्रेन पर रूस के प्रस्ताव का 13 देशों ने किया बहिष्कार

रूस-यूक्रेन मसले पर भारत ने बनाई दूरी

रूस-यूक्रेन के मसले पर अब तक आए संयुक्त राष्ट्र (UN) के सभी प्रस्तावों पर चीन, रूस के समर्थन में वोटिंग करता आया है। भारत इस मसले पर तटस्थता की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रहा है। भारत यूएन की सामान्य सभा और सुरक्षा परिषद में हुई वोटिंग का अब तक बहिष्कार करता आया है।

ये भी पढ़ें- आखिर किसके साथ है भारत? अब इंटरनेशनल कोर्ट में भारतीय जज ने पुतिन के खिलाफ किया वोट, ICJ ने फौरन युद्ध रोकने का दिया आदेश

भारत लगातार कर रहा कोशिश

यूक्रेन में युद्ध खत्म कराने को लेकर भारत पहले से ही कोशिशें कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक महीने में पुतिन और जेलेंस्की के साथ फोन पर दो बार लंबी बातचीत की है।

ये भी पढ़ें- प्रतिबंधों से बौखलाए रूस का क्या होगा अगला कदम? उप-विदेश मंत्री का दावा- अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ….

भारत की क्या हो सकती है भूमिका

गौरतलब है कि भारत और रूस के बीच संबंध अच्छे हैं तो वहीं अमेरिका से भी भारत की नजदीकियां हैं और रिश्ते भी ठीक हैं। वहीं अमेरिका यूक्रेन के पीछे समर्थन में खड़ा है। भारत के सामने संकट ये है कि वो अमेरिका और रूस दोनों से ही रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहता है। क्योंकि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में भारत को रूस और अमेरिका दोनों की ही जरूरत है ऐसे में विवाद को सुलझाने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

संबंधित खबरें...

Back to top button