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आखिर किसके साथ है भारत? अब इंटरनेशनल कोर्ट में भारतीय जज ने पुतिन के खिलाफ किया वोट, ICJ ने फौरन युद्ध रोकने का दिया आदेश

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने रूस को तुरंत यूक्रेन पर हमला बंद करने का आदेश दिया है। फैसला सुनाने वाले जजों में एक भारतीय जज भी शामिल हैं। हैरानी की बात यह रही कि ICJ में भारत के न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने भी रूस के खिलाफ वोट किया। हालांकि, रूस-यूक्रेन मुद्दे पर उनका ये स्वतंत्र कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आधिकारिक स्थिति से अलग है।

यूक्रेन ने ICJ में अपील की थी

24 फरवरी को रूस द्वारा किए गए हमले के बाद यूक्रेन ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने जंग के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने की अपील की थी। जिसके बाद आईसीजे ने रूस के पक्ष और खिलाफ में मतदान करवाने का फैसला लिया। यूनाइटेड नेशंस के टॉप कोर्ट ने 15 जजों की वोटिंग के बाद ये फैसला सुनाया, जिसमें 13 जजों ने रूस के खिलाफ और 2 जजों ने रूस के समर्थन में वोट किया। ICJ ने रूस को तुरंत यूक्रेन से अपनी मिलिट्री ऑपरेशन रोकने का आदेश दिया है।

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ)

कौन हैं भारतीय जज दलवीर भंडारी?

जस्टिस दलवीर भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। साल 2012 में, उन्हें पहले कार्यकाल के लिए चुना गया जो 2018 तक जारी रहा। उन्हें भारत द्वारा फिर से नामित किया गया और यूके के नामित जस्टिस ग्रीनवुड को हराकर ICJ में एक और कार्यकाल जीता।

भारत ने UN में वोटिंग से की परहेज

भारत ने UN में यूक्रेन-रूस मुद्दे पर वोटिंग से परहेज किया है और डिप्लोमैटिक डॉयलाग्स के जरिए मसला हल करने पर जोर दिया है।

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क्या होगा रूस पर इस फैसले का असर

अंतरराष्ट्रीय अदालत ने रूस को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसके समर्थन वाली दूसरी सेनाएं भी यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन नहीं करें। वैसे तो इस कोर्ट के फैसले बाध्यकारी हैं, लेकिन कोर्ट के पास अपने आदेश का पालन कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि, चीन चीन जैसे देश जिनके पास वीटो पॉवर है, वे अक्सर ICJ का आदेश नहीं मानते। रूस भी UNSC का परमानेंट मेंबर है और उसके पास भी वीटो पावर है। ऐसे में यह देखना बहुत अहम होगा कि आईसीजे के इस फैसले पर रूस की क्या प्रतिक्रिया होती है।

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