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219 एडीपीओ की 3 साल से चल रही भर्ती प्रक्रिया, पोस्टिंग अब तक नहीं

आस में टूटी सांस : एक चयनित युवक की नियुक्ति से पहले हादसे में मौत

पुष्पेंद्र सिंह-भोपाल। देवास जिले के सतवास निवासी राजेश ने इंदौर में गार्ड की नौकरी करते हुए एलएलबी की पढ़ाई की। वे छोटी सी पगार में अपनी पत्नी और दो बच्चों का भरण- पोषण कर रहे थे। उन्होंने कड़ी मेहनत से एमपीपीएससी की सहायक लोक अभियोजन अधिकारी पद की परीक्षा पास कर ली। परिवार खुश था लेकिन, पोस्टिंग ऑर्डर मिलने के पहले राजेश की एक हादसे में जान चली गई। अगर राजेश की पोस्टिंग समय से हो जाती तो उनके परिवार को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलता और उसे भी करीब दो लाख रुपए वेतन के मिल चुके होते।

यह मार्मिक कहानी भले ही राजेश के जीवन से जुड़ी है लेकिन अभी 218 और चयनित लोक अभियोजन अधिकारी पोस्टिंग के इंतजार में हैं। कई चयनितों ने नौकरी की आस में वकालत करना छोड़ दिया है। नाम न बताने की शर्त पर कुछ चयनितों ने बताया कि ऑर्डर नहीं मिलने से वे अक्सर तनाव में रहते हैं।

फैक्ट फाइल : 3 साल पहले शुरू हुई थी चयन प्रक्रिया

  • एडीपीओ की भर्ती वर्ष 2015 के बाद पहली बार निकाली गई थी।
  • एमपीपीएससी ने जून 2021 में एडीपीओ परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया।
  • पहले तय हुआ कि दिसंबर 2021 में परीक्षा होगी लेकिन तीन बार आवेदन की तारीख बढ़ी।
  • अन्तत: 18 दिसंबर 2022 को परीक्षा आयोजित की गई।
  • पीएससी ने 4 जनवरी 2023 को रिजल्ट जारी किया।
  • इंटरव्यू 3 मार्च से 4 अप्रैल 2024 तक हुए।

ये है नियम

  • 60 दिन में नियुक्ति पत्र देने का प्रावधान: प्रावधान है कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के साठ दिन में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिए जाएं। लेकिन एडीपीओ के अभ्यर्थी चयनित लिस्ट जारी होने के बाद करीब चार माह से पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री तक जाएगी फाइल: जब सभी का पुलिस वेरिफिकेशन और जाति प्रमाण पत्र संबंधी जांच पूरी होगी, इसके बाद गृह विभाग के माध्यम से फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी जाएगी, यहां से हरी झंडी मिलने पर ही पोस्टिंग ऑर्डर जारी हो सकेंगे।

यह है सिस्टम में खोट

एडीपीओ की नियुक्तिकर्ता गृह विभाग है। विभाग का कहना है कि जब तक हर अभ्यर्थी का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होगा, तब तक नियुक्ति आर्डर जारी नहीं होंगे। उधर, पुलिस वेरिफिकेशन के लिए गंभीर नहीं है। अभ्यर्थी थानों के चक्कर लगा रहे हैं। अभी तक करीब 170 चयनितों के पुलिस वेरिफिकेशन हो सके हैं।

इसलिए नाम देने से बच रहे

चयनित अभ्यर्थी अपना नाम प्रकाशित करने से इसलिए बच रहे हैं कि पोस्टिंग होने के दो साल तक प्रशिक्षु होते हैं। अगर उनका नाम सार्वजनिक होता है तो उन्हें कई समस्याएं हो सकती हैं।

पुलिस वेरिफिकेशन और जाति प्रमाण पत्र की जांच, फिर पोस्टिंग

गृह विभाग की आधिकारिक जानकारी के अनुसार पुलिस वेरिफिकेशन और जाति प्रमाण पत्र जांच संबंधी जानकारी उपलब्ध होने का इंतजार है। संबंधित पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर सात दिन में जानकारी मांगी है। पुलिस मुख्यालय को भी लिखा गया है। वेरिफिकेशन के लिए कुछ नाम ही बचे हैं। संभावना है कि अक्टूबर में सभी की पोस्टिंग कर दी जाएगी।

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