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रीवा कलेक्टर की रिपोर्ट से खुलासा, 97 पंचायतों में लापरवाही – बोरवेल वेरिफिकेशन में फर्जीवाड़ा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सख्ती के बाद फिर जांच शुरू

पुष्पेन्द्र सिंह- भोपाल। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और राज्य सरकार के आदेश के बाद भी रीवा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने घर बैठे खुले बोरवेल की फर्जी वेरिफिकेशन रिपोर्ट बनाकर शासन को सौंप दी। इसका खुलासा रीवा में 6 वर्षीय मयंक कोल की खुले बोरवेल में गिरने से हुई मौत से हुआ है। बोरवेल हादसे की रिपोर्ट रीवा कलेक्टर ने संभाग आयुक्त को भेजी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि त्यौंथर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी 97 पंचायतों का वेरिफिकेशन गलत है। जनपद सीईओ राहुल पांडेय द्वारा कार्य क्षेत्रान्तर्गत अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल का सत्यापन कराए बिना वरिष्ठ कार्यालय को भ्रामक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया।

कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि रीवा कलेक्टर की रिपोर्ट से खुलासा, 97 पंचायतों में लापरवाही सीईओ ने अपने क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में निर्देशों का पालन कराए जाने का प्रमाण पत्र जिला कार्यालय को 19 अक्टूबर 2023 को प्रस्तुत किया था। खास बात यह रही कि इसके बाद भी त्यौंथर में बोरवेल खुले में पाया गया। अन्य जिलों में भी ऐसी संभावनाएं बनी हुई हैं। कलेक्टर की इस रिपोर्ट से प्रदेश के दूसरे जिलों में मौजूद बोरवेल वेरिफिकेशन पर सवालिया निशान लग गए हैं।

दो माह पहले किया था कलेक्टरों को सतर्क

रीवा के ग्राम मनिका में बोरवेल हादसे के 2 माह पहले 7 फरवरी को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने सभी जिलों के कलेक्टरों को आगाह किया था। उन्होंने लिखा था कि सुप्रीम कोर्ट की 11 फरवरी 2010 की गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन का पालन किया जाए और कोई नलकूप खुले में न हो।

प्रदेश में इस सप्ताह शुरू होगा नया पोर्टल

प्रदेश के एक-एक बोरवेल की जानकारी रखने के लिए शासन द्वारा पोर्टल तैयार किया गया है, जो इस सप्ताह शुरू होगा। पोर्टल में विभिन्न विभागों, संस्थाओं, निजी व्यक्तियों द्वारा शासकीय, अशासकीय उपयोग के लिए खुदवाए गए नलकूपों, खनन एजेंसी, मशीन तथा नलकूप खनन कराने वाले विभाग, संस्थाओं, व्यक्तियों की जानकारी दर्ज होगी।

रीवा बोरवेल हादसे में भूमि स्वामी गिरफ्तार

इधर, सीएम की सख्ती के बाद कलेक्टरों ने खुले में मौजूद बोरवेल की जांच शुरू करा दी है। रीवा में बोरवेल हादसे में भू स्वामी हीरामणि मिश्रा के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मिश्रा भाजपा मंडल का पदाधिकारी है। उसके पास पांच बोरवेल हैं। जिस बोरवेल में हादसा हुआ, वह 3 वर्ष पहले सांसद निधि से खुदा था।

अब एक्शन में सरकार

  • 1. कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने ढीमरखेड़ा गांव में बिना अनुमति के बोरवेल करती मशीन जब्त की।
  • 2. दमोह में 24 घंटे के अंदर चार बोरवेल बंद कराए गए।
  • 3. छतरपुर में पूर्व में हुई एक घटना में दर्ज एफआईआर के बाद जांच तेज हो गई।
  • 4. भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने खुले में पड़े बोरवेल का सप्ताहभर में डिटेल मांगा है।

सभी जिलों में जारी की गई है गाइडलाइन

सभी जिलों के कलेक्टरों को गाइडलाइन जारी की गई है। निजी जमीनों पर खुले बोरवेल की जानकारी मांगी गई है। मप्र इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के माध्यम से नया पोर्टल तैयार किया गया है, जो जल्द प्रारंभ होगा। जहां भी खुले बोरवेल पाए जाएंगे, वहां के कर्मचारी और अधिकारी पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। – पी. नरहरि, सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग

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