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बैंक ऑफ बड़ौदा के ATM से लाखों रूपए उड़ाने वाले 2 आरोपी हिरासत में, रोमानिया का नागरिक निकला मास्टरमाइंड

भोपाल। बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से बिना ओटीपी और जानकारी के लाखों रूपये उड़ाने के मामले में भोपाल सायबर क्राइम की टीम ने अन्तरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। मुख्य आरोपी रोमानिया देश का नागरिक है जो 2015 से भारत में एक्टिव है। जालसाज अब तक बैंक के 200 से भी ज्यादा एटीएम खातों से 17 लाख से ज्यादा रूपए निकाल चुका है।

इस मामले को सुलझाने के लिए भोपाल पुलिस ने 100 से ज्यादा सीसीटीटी खंगाले तब जाकर आरोपी का सुराग लग सका।फिलहाल पुलिस ने मुख्य आरोपी आयोनेल मियू के साथ उसके एक सहयोगी फिरोज को भी हिरासत में लिया है।  मियू के बारे में यह जानकारी मिली है कि वह ड्रग्स और कोकीन का शौकीन है और नशे के शौक को पूरा करने के लिए उसने सायबर फ्रॉड का सहारा लिया।

क्लोनिंग के जरिए देते थे वारदात को अंजाम

मियू ने बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम मशीन में स्कीमर डिवाइस और हिडन कैमरा लगाकर इस वारदात को अंजाम देने की तकनीक अपनाई। इसके जरिए वह किसी भी डेबिट कार्ड का डाटा चोरी कर लेता था और पिन की जानकारी रिकॉर्ड कर डिवाइस की मदद से क्लोन कार्ड तैयार कर लेता था। इसके बाह एटीएम में उस कार्ड का उपयोग कर रूपए निकाल लेता था। इस धोखाधड़ी के कारण खाताधारक के पास न तो पैसे निकालने से पहले ओटीपी जाता था और न ही किसी तरह की अन्य जानकारी एकाउंट होल्डर को मिलती थी। इस गिरोह के तार विदेश तक फैले हुए हैं प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक भोपाल समेत देश के कई बड़े शहरों में मियू ने ऐसी वारदातों को अंजाम दिया है। इस काम में मियू का साथ फिरोज देता था, जो ऐसे एटीएम की रैकी कर जानकारी जुटाता था जहां सुरक्षा गार्ड नहीं रहते थे।

लेपटॉप और क्लोनिंग डिवाइस बरामद

सायबर क्राइम ब्रांच को भोपाल मे एक शिकायत मिली, जिसकी तफ्तीश के बाद नई चौंकाने वाली जानकारी टीम के हाथ लगी। 15 दिनों की कड़ी मशक्कत और 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगालने के बाद आखिरकार क्राइम ब्रांच की टीम मास्टरमाइंड 50 साल के आयोनेल मियु को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफल रही। मूल रूप से रोमानिया का निवासी आयोनेल का लंबा अपराधिक रिकॉर्ड है और कई बार जेल जा चुका है। टीम ने मियू के साथी 38 साल के फिरोज अहमद खान को मुंबई के नजदीक ठाणे से गिरफ्त में लिया। दोनों जालसाज महज 12वीं पास हैं।

बचने के लिए टोपी और मास्क का सहारा

टीम को इनके कब्जे से कई मोबाइल, लेपटॉप, एटीएम कार्ड और डिजिटल एमएसआर डिवाइस समेत कई लेटेस्ट डिजिटल उपकरण मिले हैं। जालसाज पहचान छुपाने के लिए टोपी और फेस मास्क का उपयोग करते थे जिससे कैमरे में उनका चेहरा नजर न आए। आरोपी किराए के ऑटो से एटीएम तक पैसा निकालने के लिए आते थे, जिससे वे रास्तों में लगे सीसीटीवी की पकड़ में भी न आएं। पैसा निकालने के बाद आरोपी शहर बदल देते थे। मुख्य आरोपी के पास से ड्रग और कोकीन भी मिला है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक मियु नशे का आदि है और हर महीने हजारों रूपए ड्रग और कोकीन पर खर्च करता था। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि उसे ड्रग और कोकीन की सप्लाई दिल्ली में मिल जाती थी।

भोपाल, इंदौर और दिल्ली के एटीएम थे निशाने पर

पुलिस कमिश्नर के अनुसार आरोपी अब तक भोपाल, इंदौर और दिल्ली के एटीएम से पैसे निकाल चुका है। पूछताछ में ये सामने आया है कि मियू ने भोपाल के 3 और दिल्ली के 9 एटीएम से पैसे उड़ाए हैं। असल में ये आरोपी बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम को ही इसलिए निशाना बनाते थे, क्योंकि वहां पैसे निकालने के लिए पुरानी तकनीक का उपयोग किया जाता है।

 

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