भोपालमध्य प्रदेश

कांग्रेस का आरोप : सरकारी विभागों में अपने चहेतों के वाहनों को किराये पर लगाया जा रहा

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर मंगलवार को मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रभारी समस्त प्रकोष्ठ जेपी धनोपिया एवं मप्र कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष पुनीत टंडन ने एक संयुक्त पत्रकार वार्ता आयोजित की। इसमें उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि मध्य प्रदेश में सरकारी वाहनों के नाम पर जनता की गाड़ी कमाई लुटाई जा रही है।

शासकीय नियमों एवं प्रावधानों की खुली धज्जियां उड़ाते हुए सरकार के मंत्रियों का स्टाफ एवं उनके विभागों के अधिकारियों को मिले प्रायवेट वाहनों पर नियम विरूद्ध तरीके से हर माह लाखों रुपए की राशि खर्च की जा रही है।

टैक्सी कोटे की गाड़ी लगाने का प्रावधान है

प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों में लोक निर्माण विभाग मप्र शासन के वाहन इनोवा क्रमांक MP04 BC 5587 / MP 20 CE 1001 का भुगतान 90,355 रुपए एक माह में किया गया। जबकि, एक गाड़ी इनोवा किस्टा है, दूसरी फॉर्च्युनर वाहन शामिल है। विशेष सहायक मंत्री लोक निर्माण विभाग में गाड़ी नंबर MP04 BC 7223 का भुगतान एक माह का 96 हजार 617 रुपए किया गया है। जबकि, यह गाड़ी भी इनोवा किस्टा है, और ये गाड़ियां आरटीओ की वेबसाइट पर रामनरेश नामक व्यक्ति के प्राईवेट नंबरों पर दर्ज है। जबकि, नियमानुसार शासकीय कार्यों के लिए टैक्सी कोटे की गाड़ी लगाए जाने का प्रावधान निर्धारित है।

करोड़ों रुपए की हो रही लूट

कांग्रेस ने कहा कि आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज बताते हैं कि किस तरह करोड़ों रुपए की लूट हो रही है। इसमें अधिकारी वर्ग भी शामिल है, जो हर महीने 3 हजार किलोमीटर तक घूम रहे हैं, जबकि निर्धारित पात्रता 1 हजार किलोमीटर की है। मंत्रियों के आधा दर्जन से ज्यादा वाहन 7 हजार किलोमीटर से अधिक तक हर माह चल रहे हैं, जिनका भुगतान भी निर्धारित किराये 47,245 रुपए के बाद अतिरिक्त लगभग 10 रुपए प्रति किलोमीटर किया गया जा रहा है। विभागों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार का कहीं न कहीं एक बड़ी जांच का विषय है।

मनमर्जी से किया जा रहा भुगतान

शासन के नियमों और प्रावधानों का खुला उल्लंघन हो रहा है। जनता के पैसे का खुला दुरुपयोग हो रहा है। एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार पर करोड़ों रुपए का कर्ज है, उसके बाद शासन में बैठे अधिकारियों द्वारा जनता के पैसे का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि फर्जी बिलों के माध्यम से भी करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हो रहा है, जिन अधिकारियों को पात्रता नहीं है उसके बाद भी मनमर्जी से लाखों रुपए महीने का भुगतान कर रहे हैं।

ईओडब्ल्यू-लोकायुक्त से जांच कराने की मांग

कांग्रेस ने मांग की है कि वाहन आवंटन की पूरी जांच, भुगतान किए गए समस्त बिल-बाउचरों एवं नियमानुसार वाहन लगाए जाने की प्रक्रिया की जांच हो। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो एवं शासन को जो आज तक करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, उसकी भी भरपाई हो एवं पूरे प्रकरण की ईओडब्ल्यू-लोकायुक्त से जांच कराई जाए। ताकि, करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हो सके।

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