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राजमाता की ‘सरस्वती’ अफसरों ने दीवार में चुनवा दी

पद्मा स्कूल की शिकायत पर PWD का कारनामा

अर्पण राऊत-ग्वालियर। एक ओर जहां धार के भोजशाला में सरस्वती पूजा को लेकर हर बसंत पंचमी पर माहौल गरमा जाता है, वहीं ग्वालियर में देवी ‘सरस्वती’ की पूजा के लिए लोग सालों से तरस रहे हैं। कारण, पद्मा विद्यालय में राजमाता विजयाराजे सिंधिया द्वारा बनवाई गई देवी सरस्वती को पीडब्ल्यूडी ने कैद कर रखा है। दीवार के बाहर बनी मूर्ति पर गंदगी होने से स्कूल प्रबंधन ने पीडब्ल्यूडी को इसे ठीक करने को कहा, तो अफसरों ने इसे दीवार में चुनवा दिया।

दरअसल कम्पू क्षेत्र में स्टेट टाइम के बने पद्मा विद्यालय की दीवार पर ये मूर्ति बनाई गई थी। चूंकि मूर्ति स्कूल की दीवार के बाहर की ओर थी, इसलिए आते-जाते लोग गंदगी डालने लगे थे। इसके आसपास खुलेआम शौच भी की जाती थी। स्कूल प्रबंधन की शिकायत पर पीडब्ल्यूडी ने आनन-फानन में प्रतिमा को दीवार में चुन दिया।

कोलकाता के जाने-माने मूर्तिकार रूद्रहांजी ने बनाई थी प्रतिमा

इतिहासकारों के मुताबिक, ये प्रतिमा कोलकाता के जाने-माने मूर्तिकार रूद्रहांजी ने बनाई थी। वे राजमाता विजयराजे सिंधिया के कहने पर ग्वालियर आए थे। उन्होंने मेला परिसर में प्रतिमा तैयार की थी। उस समय रूद्रहांजी सीमेंट कॉन्क्रीट से मूर्ति बनाने वाले एकमात्र कलाकार थे।

खंडित हो रही प्रतिमा, प्रशासन और स्कूल प्रबंधन को भनक ही नहीं

प्रतिमा के बारे में वर्तमान स्कूल प्रबंधन से लेकर प्रशासन तक को भनक नहीं है। पीपुल्स की टीम ने जब मौके पर जाकर देखा तो ऐतिहासिक महत्व की ये मूर्ति जगह-जगह से खंडित हो गई है।

पद्मा कन्या उमा विद्यालय में देवी सरस्वती की प्रतिमा को चारदीवारी में कैद किया गया है और सालों से यह कबाड़ और झाड़ियों के बीच पड़ी है, यह जानकारी मुझे आपसे ही मिली है। मैं इस मामले को दिखवाती हूं और प्रतिमा को बाहर निकलवाती हूं। – रुचिका चौहान, कलेक्टर

मुझे अभी स्कूल में आए हुए दो साल हुए हैं। मैं इस मामले को जल्द दिखवाता हूं। प्रतिमा के बारे में जो भी जानकारी मिलेगी, आपको अवगत कराऊंगा। – रविन्द्र शर्मा, प्रधानाचार्य, पद्मा विद्यालय कम्पू

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