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राजकोट गेम जोन अग्निकांड : दो नगर निगम कर्मी गिरफ्तार, दस्तावेजों से छेड़छाड़ का आरोप; घटना में हुई थी 27 लोगों की मौत

राजकोट। गुजरात में राजकोट के गेम जोन के अग्निकांड में अब गिरफ्तारी की संख्या 12 हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि, पिछले महीने गेम जोन में आग लगने के बाद दो नगर निगम कर्मी ने दस्तावेजों में हेरफेर की थी। इसी आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। शहर में टीआरपी गेमिंग जोन में 25 मई को हुई घटना में 27 लोगों की मौत हो गई थी।

12 बच्चों समेत 27 लोगों की हुई थी मौत

पिछले महीने 25 मई को राजकोट के गेमजोन में भीषण आग लगी थी, जिसमें 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के सिलसिले में छह सरकारी कर्मचारियों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आग की घटना के बाद आधिकारिक रजिस्टर में बदलाव करने में कथित संलिप्तता के आरोप में आरएमसी के सहायक नगर नियोजन अधिकारी राजेश मकवाना और सहायक अभियंता जयदीप चौधरी को गिरफ्तार किया।

इन्हें किया गया सस्पेंड

गुजरात में राजकोट TRP गेमिंग जोन में आग लगने के मामले में प्रशासन ने छह अधिकारियों को सस्पेंड किया है। इनमें  राजकोट नगर निगम के दो अधिकारी असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी और टाउन प्लानर गौतम जोशी को सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही सड़क एवं निर्माण विभाग के दो अधिकारी एडिशनल इंजीनियर पारस कोठिया और डिप्टी इंजीनियर एम आर सुमा को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं, पुलिस विभाग के दो अधिकारी पुलिस इंस्पेक्टर एन आर राठौड़ और पुलिस इंस्पेक्टर वी आर पटेल पर भी एक्शन लिया गया है।

जांच के लिए पांच सदस्यीय SIT गठित

गुजरात के राजकोट शहर के कालावड रोड पर स्थित TRP गेम जोन में शनिवार (25 मई) शाम 4.30 बजे भीषण आग लग गई थी। 3 घंटे की मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है। इस मामले में राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय SIT गठित की है।

गेम जोन में था 3500 लीटर डीजल-पेट्रोल

गेम जोन में आग लगने के कारणों में यह भी सामने आया है कि, गेम जोन में करीब 3500 लीटर डीजल-पेट्रोल स्टोर करके रखा गया था। 1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर के लिए और गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल स्टोर किया हुआ था। साथ ही इसका डोम भी कपड़े और फाइबर से बना था। जिसकी वजह से आग इतनी फैली और पूरा स्ट्रक्चर जल कर खाक हो गया। गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था। एंट्री के लिए शनिवार (25 मई) को 99 रुपए की स्कीम थी, जिसकी वजह से हादसे के वक्त गेम जोन में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

गेमिंग जोन को नहीं मिला था NOC

राजकोट गेम जोन दुर्घटना मामले में कलेक्टर ने कहा कि, ​​​​​​ आग इलेक्ट्रिक कारणों से लगी थी। टीआरपी गेम जोन के पास फायर NOC तक नहीं थी। राजकोट पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने बताया कि, टीआरपी गेम जोन के मालिक और मैनेजर सहित दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है।

गुजरात में हुए बड़े हादसे

  • मई 2019 : तक्षशिला कांड, जिसमें 22 स्टूडेंट्स की मौत हुई थी।
  • अक्टूबर 2022 : मोरबी स्थित झूलता पुल टूटने से 140 लोगों की मौत हुई थी।
  • जनवरी 2024 : वडोदरा में हरनी दुर्घटना में 14 लोगो की मौत हुई थी।
  • मई 2024 : राजकोट के गेमिंग जोन में आग लगने से 27 लोगों की मौत हुई।

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