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जेएमसी और स्मार्ट सिटी के बीच उलझा रहा प्रोजेक्ट

जबलपुर। ग्वारीघाट के करीब बसे भटौली में मास्टर प्लान में यहां डेढ़ सौ एकड़ में एक नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाना था,जिसके लिए यहां पर उक्त मात्रा में जमीन भी आरक्षित की गई थी। यह योजना 2021 के मास्टर प्लान में शामिल थी जो कि समाप्त हो चुका है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी के बीच यह प्रोजेक्ट उलझकर दम तोड़ चुका है।

30 साल पहले बनाए गए इस मास्टर प्लान के मुताबिक नर्मदा तट का भटौली गांव भी इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में विकसित किया जाना था। इसके लिए बाकायदा 150 एकड़ का क्षेत्रफल इंडस्ट्री के लिए आरक्षित था। जिसे एसएमएसई विकास संस्थान जबलपुर व मप्र शासन के सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग भारती को डेवलप करना था,लेकिन यह प्रोजेक्ट नगर निगम और स्मार्ट सिटी के बीच ही झूलता रहा। कुछ दिन तक नगर निगम प्रोजेक्ट बनाता रहा इसके बाद हाल के कुछ सालों में स्मार्ट सिटी के अधिकारी प्रोजेक्ट को डेवलप करने कागजों पर मेहनत करते रहे,मगर हासिल अब तक कु छ भी नहीं हुआ।

जमीन की अदला-बदली में लटका रहा प्रोजेक्ट

भटौली का नोटिफाइड इंडस्ट्रियल एरिया जमीन की अदला-बदली में ही झूलता रह गया। इसे पूरा करने की दिशा में कभी कोई काम नहीं हुआ,क्योंकि लंबे समय से यह जमीन मप्र शासन के नाम थी। जिस पर ननि व स्मार्ट सिटी के अधिकारी प्रोजेक्ट डेवलप करने से कतराते रहे। बाद में यह जमीन ननि के नाम पर हस्तांतरित कर दी गई। इसके बाद भी कोई प्रोग्रेस नजर नहीं आई तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उक्त जमीन को एक बार फिर से औद्योगिक क्रियान्वयन के नाम करने का आदेश जारी कर दिया,लेकिन इसकी प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी और यह प्रोजेक्ट आज भी अंतिम निर्णय लेने की स्थिति में कलेक्ट्रेट में पड़ा है।

अपार व्यापारिक व रोजगार की संभावनाएं

जबलपुर जिले के साथ उपेक्षा का ये जीता जागता नमूना है,जबकि यदि भटौली में गारमेंट क्लस्टर जैसे काम हों तो यहां व्यापार और रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। हमारे शहर से जुड़े कटनी जिले में लगातार औद्योगिक विकास हो रहा है क्योंकि 2021 में ही औद्योगिक निवेश,नीति एवं प्रोत्साहन विभाग मप्र ने कटनी सहित 3 अन्य स्थानों पर मल्टी प्रोडक्ट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने का प्लान तैयार कर लिया था। जल्द ही ये पार्क रतलाम,जावरा,मोहना और कटनी में बनाए जाएंगे।

ये उद्योग बदल सकते हैं शहर की तस्वीर

अभी भी यदि शहर के जनप्रतिनिधि नींद से जाग जाएं तो इस प्रोजेक्ट पर यदि शासन स्तर से निर्णय करवा लिया जाए तो शहर के दिन फिर सकते हैं। यहां पर मल्टी प्रोडक्ट इंडस्ट्रिलय पार्क में एक स्थान पर कई तरह के उद्योग खुल सकते हैं,जैसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग,फार्मेसी से जुड़े उद्योग, ऑक्सीजन उत्पादन एवं बाटलिंग प्लांट,ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर निर्माण और कोरोना महामारी को रोकने के लिए जरूरी विभिन्न सर्जिकल उपकरण और दवा तथा इंजेक्शन के निर्माण की औद्योगिक इकाइयां खुलवाने शासन की मंजूरी और निवेशकों को आकर्षित करने तैयारी होना चाहिए।

फैक्ट फाइल

  • 2021 दिसंबर तक लागू था मास्टर प्लान
  • नए मास्टर प्लान का अब तक अता-पता नहीं
  • 150 एकड़ भूमि में इंडस्ट्रियल एरिया का विकास
  • 05 साल से ननि व स्मार्ट सिटी के बीच झूलता रहा प्रोजेक्ट

भटौली में इंडस्ट्रियल एरिया के लिए सुरक्षित भूमि पर उद्योग लगें इसके लिए पुन: प्रस्ताव तैयार करवाकर मास्टर प्लान में जोड़े जाने के प्रयास करेंगे। यह एक अच्छा प्रोजेक्ट है हैरत है कि समय रहते इस पर संबंधितों ने प्रक्रिया पूरी नहीं की। -जगत बहादुर सिंह अन्नू,महापौर

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