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Pulwama Attack : आज ही के दिन पुलवामा हमले से दहल उठा था भारत, शहीद हुए थे 40 जवान; 12 दिन में ही भारत ने PAK को सिखाया था सबक

14 फरवरी 2019। 14 फरवरी 2019 का दिन भारत कभी नहीं भूल सकता। भारत के लिए यह ‘Black Day’ है। दरअसल, आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे। आतंकियों की इस काली करतूत को आज 5 साल पूरे हो गए हैं। इस घटना के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे। हालांकि, 12 दिनों में ही भारत ने अपने जवानों की मौत का बदला ले लिया था। आइए जानते हैं…

आज भी आंखें नम कर देती हैं 40 जवानों की शहादत

बात है साल 2019 की जब आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे। दोपहर करीब तीन बजे श्रीनगर से जम्मू आ रहे सीआरपीएफ के करीब 2,500 जवानों के काफिले को आतंकियों ने निशाना बनाया और विस्फोटक से भरी वैन लेकर काफिले के बीच चल रही जवानों की बस को टक्कर मार दी।

10 घंटे का सफर कर चुके थे जवान

इस काफिले में CRPF की 78 बसें थीं। जिस वक्त यह हमला हुआ उस समय जवान करीब 10 घंटे का सफर कर चुके थे। कोई बातचीत कर रहा था तो कोई आराम कर रहा था, लेकिन आतंकियों की करतूत का पता चलते ही हजारों जवानों ने मोर्चा संभाला और क्रॉस फायरिंग शुरू की। आतंकियों के कुछ साथी दूर दराज छिपे थे, जो भाग निकले। इस घटना में आत्मघाती हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था। बाद में सुरक्षाबलों ने सज्जाद भट्‌ट, मुदसिर खान समेत कई आतंकियों को मार गिराया था।

पुलवामा हमला थी आतंकियों की रणनीति

पुलवामा हमला आतंकियों की पूरी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। दरअसल, 2019 में भारी बर्फबारी के कारण लंबे समय तक हवाई सेवाएं बंद थीं। देशभर से श्रीनगर के लिए आए जवान जनवरी से जम्मू में ही रुके थे, जबकि इनकी तैनाती श्रीनगर में थी। हवाई सेवाएं लगातार निरस्त रहने की वजह से सुरक्षाबलों को श्रीनगर भेजने के लिए पूरा काफिला तैयार हुआ। अफसरों को उम्मीद थी कि इतना बड़ा काफिला साथ जाएगा तो आतंकी खतरा कम रहेगा, लेकिन आतंकियों ने इसका फायदा उठाया और बीच रास्ते में आईईडी से भरी वैन से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयंकर थी कि बस के परखच्चे उड़ गए थे। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने ली थी।

जैश-ए-मोहम्मद ने वीडियो जारी कर ली थी हमले की जिम्मेदारी

आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीडियो जारी किया था। हमले करने वाले शख्स की पहचान 22 वर्षीय आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार के रूप में हुई। उसी ने विस्फोटकों से लदे वाहन को CRPF के काफिले से टक्कर मारी थी, वह कश्मीर का रहने वाला था। उसके परिवार का दावा था कि वह साल 2018 से लापता था।

सर्जिकल स्ट्राइक से लिया बदला

इस नापाक हरकत में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई। इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक कर वहां जैश के शिविरों में ट्रेनिंग ले रहे आतंकियों को ढेर किया था। सुरक्षाबलों पर हुए अब तक के सबसे बड़े हमले की जांच जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई। NIA ने 13 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इस हमले के बाद यूनाइटेड नेशंस समेत दुनियाभर के कई देश आतंक के खिलाफ भारत के साथ खड़े दिखाई दिए।

हमले के बाद बदले गए नियम

सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों के मूवमेंट के दौरान नियम बदले गए। पहले मूवमेंट के दौरान आम लोगों के लिए रास्ते बंद नहीं किए जाते थे। लेकिन, इस हमले के बाद से सेना और सुरक्षाबलों के मूवमेंट के दौरान राजमार्गों को आम जनता के लिए बंद करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा सुरक्षा के अन्य बंदोबस्त भी किए गए। बख्तरबंद गाड़ियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। यही नहीं, एक साथ इतनी बड़ी संख्या में जवानों के मूवमेंट पर भी रोक लगाई गई।

मोदी ने दिया था फ्री हैंड

पुलवामा हमले में जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सेनाओं को आतंकियों के खिलाफ फ्री हैंड दिया। कहा कि वे अपने तरीके से बदला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बाद 26 फरवरी, 2019 को रात तकरीबन 3 बजे इंडियन एयरफोर्स के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) को पार कर बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इस हमले में पाकिस्तान द्वारा पोषित 300 आतंकी मारे गए थे। करीब 1,000 किलो बम आतंकी ठिकानों पर बरसाए गए थे।

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