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द्रौपदी मूर्मु बनीं देश की 15वीं राष्ट्रपति, CJI ने दिलाई शपथ; बोलीं- भारत में गरीब भी सपने देख सकता है, मेरा राष्ट्रपति बनना इसका सबूत…

द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई यानी सोमवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलाई। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। बता दें कि मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं, सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।

आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला

देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथग्रहण के बाद अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।

राष्ट्रपति ने करगिल दिवस की शुभकामनाएं दीं

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस है। ये दिन भारतीय सेनाओं के शौर्य और संयम का प्रतीक है। मैं सभी नागरिकों और सेनाओं को करगिल दिवस की शुभकामनाएं देती हूं। बता दें कि, मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं।

‘राष्ट्रपति बनना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं’

महामहिम मुर्मू ने कहा, राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।

‘मैं कॉलेज जाने वाली गांव की पहली लड़की थी’

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी।  मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी।

द्रौपदी मूर्मू राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी की श्रद्धांजलि दी

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले द्रौपदी मूर्मु सोमवार की सुबह राजघाट पहुंचीं। वहां पर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

25 जुलाई को शपथ लेने वालीं 10वीं प्रेसिडेंट बनीं

मुर्मू देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ ली। पहली बार 25 जुलाई 1977 को छठे राष्ट्रपति नीलमसंजीव रेड्डी ने शपथ ली थी। तब से 25 जुलाई को ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी और रामनाथ कोविंद ने इसी तारीख को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।

इसी के साथ वे पुराने संसद भवन में शपथ लेने वाली अंतिम राष्ट्रपति हैं। नई संसद से विदाई लेने वाली भी पहली राष्ट्रपति होंगी, क्योंकि वर्तमान भवन में अंतिम सत्र चल रहा है। आगामी शीत सत्र नए भवन में होगा।

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अमित शाह ने ट्वीट कर कहा…

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुने जाने पर ट्वीट कर कहा, “बीजेपी जनजातीय समाज के उत्थान के प्रति सदा संकल्पित रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पहली बार इस वर्ग से राष्ट्रपति बनना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।”

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सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति

मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं। द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया था। 64 वर्षीय मुर्मू ने 64 प्रतिशत से अधिक वैध मतों के साथ भारी अंतर से जीत हासिल की थी। मुर्मू को सिन्हा के 3 लाख 80 हजार 177 वोटों के मुकाबले 6 लाख 76 हजार 803 वोट मिले थे।

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