प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले का दौरा करेंगे। इस दौरान पीएम 1978 से शुरू हुई सरयू नहर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। गोंडा सहित नौ जिलों के किसानों के लिए यह परियोजना एक वरदान साबित होगी। ये नहर 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए सुनिश्चित पानी प्रदान करेगी। जिससे क्षेत्र के लगभग 29 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा।
Prime Minister Narendra Modi will inaugurate Saryu Nahar National Project in Balrampur, Uttar Pradesh today.
(File photo) pic.twitter.com/9XGXNJMSeX
— ANI (@ANI) December 11, 2021
9,800 करोड़ रुपए की लागत से किया गया पूरा
PMO ने एक बयान में बताया कि, प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से होकर गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लम्बी एवं करीब 9,800 करोड़ रुपए की लागत वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
4 दशक से अधूरी परियोजना, 4 साल में पूरी
पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि परियोजना पर काम 1978 में शुरू हुआ था, इसे कभी पूरा नहीं किया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर 1978 में काम शुरू हुआ था लेकिन दशकों तक यह परियोजना कभी पूरी नहीं हुई। खर्च बढ़ गया और लोगों की परेशानी भी बढ़ गई। जो परियोजना चार दशक से अधूरी थी, उसे चार साल में पूरा किया गया है।’
You would be shocked to know that work on the Saryu Nahar National Project began in 1978 but for decades, the project was never completed. Costs increased and so did people’s woes.
A project that was incomplete for four decades has been finished in four years.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2021
परियोजना में पांच नदियों को जोड़ा गया है
पीएमओ ने कहा कि 2016 में, परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री इसे कृषि सिंचाई योजना के तहत ले आए। इस परियोजना के तहत क्षेत्र के जल संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पांच नदियों – घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को आपस में जोड़ा गया है।
29 लाख किसानों को होगा फायदा
पीएमओ के मुताबिक यह परियोजना 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए सुनिश्चित पानी उपलब्ध कराएगी और 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभान्वित करेगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, बलरामपुर, गोरखपुर और महाराजगंज को फायदा होगा।
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