प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 साल की उम्र में आज सुबह साढ़े तीन बजे निधन हो गया। बीते दो दिनों से उनका अहमदाबाद के संयुक्त राष्ट्र (यूएन) अस्पताल में इलाज चल रहा था। अपनी मां की तबीयत बिगड़ने की खबर मिलने के बाद पीएम मोदी दिल्ली से अहमदाबाद आए और अपनी मां के स्वास्थ्य के बारे में हाल जाना। इस दौरान अस्पताल में डॉक्टर्स ने यह भी कहा था कि हीराबेन की सेहत में सुधार हो रहा है। इसके बाद उन्होंने 30 दिसंबर को तड़के 3 बजकर 30 मिनट पर अंतिम सांस ली।
बचपन से बुढ़ापे तक काफी एक्टिव रहीं हीराबेन
हीराबेन मोदी वो भारतीय महिला थीं, जो अपने बचपन से बुढ़ापे तक हमेशा काफी एक्टिव रहीं थीं। वह आमजन की तरह लाइनों में लगकर वोट डालने जाती थीं। अपना खाना खुद ही बनाती थीं। हीराबेन के लंबे समय तक जीने का राज उनके द्वारा किया गया संघर्ष था। हीराबेन का जन्म पालनपुर में हुआ था, शादी के बाद वह वडनगर शिफ्ट हो गईं थीं।
काफी संघर्षमय रहा हीराबेन का जीवन
हीराबेन की उम्र महज 15-16 साल थी, जब उनकी शादी हुई थी। घर की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति कमजोर होने के चलते उन्हें पढ़ाई करने का मौका नहीं मिला, लेकिन वह अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए दूसरे के घरों में काम करने के लिए भी तैयार हो गईं। उन्होंने फीस भरने के लिए कभी किसी से उधार पैसे नहीं लिए। हीराबेन चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़ लिखकर शिक्षित बने।
सादगी और उच्च विचारों से जीती थीं अपना जीवन
हीराबेन ने अपना सारा जीवन सादगी में बिताया। वह अपने उच्च विचारों से सभी को प्रभावित कर देती थीं। इसके साथ ही वह घर का बना सादा खाना ही खाती थीं। उन्हें खिचड़ी, दालभात, लपसी बहुत पसंद थी। यहां तक कि पीएम मोदी भी जब मां हीराबेन के साथ भोजन करते थे तो वह भी रोटी, सब्जी, दाल-चावल और सलाद जैसे सादा खाना ही खाते थे।
4 बजे उठने की थी आदत
हीराबेन समय की बेहद पाबंद थीं। वह सुबह 4 बजे उठकर अपने सारे काम निपटा लिया करती थीं। गेहूं पीसना हो, बाजरा पीसना हो, चावल या दाल बीनना हो, सारे काम हीराबेन खुद करती थीं। काम करते हुए हीराबेन अपने कुछ पंसदीदा भजन गुनगुनाती रहती थीं। पीएम मोदी के बड़े भाई प्रहलाद मोदी ने बताया था कि उनकी मां सुबह-शाम दो बार कुएं से पानी खींचकर लाती थीं। कपड़े धोने के लिए तालाब जाती थीं।
हीराबेन को आइसक्रीम काफी पसंद थी
हीराबेन ने अधिकांश समय घर का ही खाना खाया। बाहर के खाने से परहेज किया करती थीं। मां हीराबेन को आइसक्रीम काफी पसंद थी। वह इसके लिए कभी मना नहीं करती थीं। वह अधिकतर कामों में व्यस्त रहती थीं।
हमेशा प्रसन्न रहती थीं हीराबेन
प्रहलाद मोदी बताते हैं कि मां सकारात्मक और धार्मिक विचारों से ओत-प्रोत रहने के कारण हमेशा प्रसन्न और स्वस्थ रहतीं थी। कभी परेशानी हो तो घरेलू उपचार से ठीक हो जाती थीं। हीराबेन आसपास जाने के लिए पैदल चलना पसंद करती थीं। वह खाली समय में झूले पर बैठने के साथ आस-पड़ोस के बच्चों के साथ बातचीत करतीं थी। बुजुर्ग होने के कारण पड़ोस की महिलाएं भी उनसे कई तरह की सलाह लेती रहती थीं।
4 दिसंबर को मां हीराबेन से मिले थे पीएम मोदी
गुजरात चुनाव में मतदान करने से पहले पीएम मोदी 4 दिसंबर को अपनी मां हीराबेन से मिलने गांधीनगर उनके आवास पहुंचे थे। यहां उन्होंने मां से मिलकर पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था।
मां के 100वें जन्मदिन पर की थी मुलाकात
पीएम मोदी ने 18 जून को मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन पर गांधी नगर स्थित घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया था। मां के 100वें जन्मदिन को स्पेशल बनाते हुए पीएम मोदी ने उनके साथ पूजा-अर्चना की थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपनी मां के पैर धोए और उसके बाद उस पानी को अपनी आंखों से लगाया।
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