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‘पीथमपुर में अभी नहीं जलेगा यूनियन कार्बाइड का कचरा’, CM ने बुलाई आपात बैठक, बोले- कोर्ट के सामने रखेंगे जनभावना और हालात

भोपाल/पीथमपुर। भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे का विरोध कर रहे पीथमपुर में हालात सामान्य हो रहे हैं। शुक्रवार को दिन भर विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम हुआ, कई लोगों ने आत्मदाह तक की कोशिशें कीं। बिगड़ते हालात को देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इमरजेंसी बैठक की। जिसके बाद सीएम ने कहा- जनभावनाओं का आदर करते हुए हाईकोर्ट के सामने सभी परिस्थितियों और व्यावहारिक कठिनाइयों को रखेंगे। उसके बाद ही कोई कार्रवाई करेंगे। अदालत का आदेश आने तक पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाया जाएगा।

बैठक के बाद सीएम ने क्या कहा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार (3 जनवरी) रात पीथमपुर के हालात पर उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल के साथ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, धार विधायक नीना वर्मा और मुख्य सचिव अनुराग जैन समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के बाद सीएम ने कहा- हमारी सरकार जनकल्याणकारी, जनहितैषी तथा जनभावनाओं का आदर करती है। मैं जनता से अपील करता हूं कि किसी भी अफवाह या भ्रम की खबरों पर विश्वास नहीं करें। मैं और मेरी सरकार आपके साथ है।

साथ ही उन्होंने कहा कि, जनभावनाओं का आदर करते हुए हाईकोर्ट के सामने सभी परिस्थितियों और व्यावहारिक कठिनाइयों को रखेंगे। उसके बाद ही कोई कार्रवाई करेंगे। बैठक में उपस्थित सभी सदस्य इस बात पर एकमत हैं कि हमारा निर्णय न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं कि जनता को कोई नुकसान न हो। अदालत का आदेश आने तक पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाया जाएगा।

3 जनवरी को क्या हुआ

पीथमपुर में 3 जनवरी को बंद के दौरान हुए प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। बरदरी चौराहा, सवारियां मंदिर और आजाद चौराहे पर चक्काजाम करने वाले अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 383, 341, 149 और 147 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

3 जनवरी को प्रदर्शन के दौरान दो युवकों ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया। इस दौरान पीछे से अचानक आग लग गई। जिसमें दोनों झुलस गए। प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। याचिकाकर्ता वकील बाबूलाल नागर ने कचरे के दुष्प्रभाव पर मुख्यमंत्री को बहस करने की चुनौती दी। प्रदर्शन में स्थानीय लोगों के अलावा भाजपा और कांग्रेस के नेता भी शामिल थे। पुलिस ने गुडलक चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

कचरा पीथमपुर पहुंचते ही भड़के लोग

भोपाल से पीथमपुर में कचरा आने के बाद से ही लोग आंदोलन कर है। पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की समझाइश का भी जनता पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। सभी संगठन, संस्थाएं एक मंच पर आकर इसका विरोध कर रही हैं। इंदौर से कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के लोग पीथमपुर गए। वहीं बड़ी संख्या में इंदौर में भी लोग इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मजदूर संघ, किसान संघ, रहवासी संघ और कई संस्थाएं पीथमपुर जाकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं।

40 साल बाद, यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकला कचरा

भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इससे कम से कम 5 हजार से अधिक लोगो की मौत हो गई थी और हजारों लोग अभी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 3 दिसंबर को इस कारखाने के जहरीले कचरे को खाली करने के लिए चार सप्ताह की समय-सीमा तय की थी और सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया, तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद ये तय हुआ की कचरे को तीन महीने के भीतर जला दिया जाएगा। इसी को देखते हुए कचरा पीथमपुर पहुंचा जिसके बाद कचरा पीथमपुर में जलाने का विरोध शुरू हुआ।

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