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Winter Session of Parliament: आज से शुरू हो रहा है संसद का शीतकालीन सत्र, किसान आंदोलन-महंगाई और पेगासस पर केंद्र को घेरेगा विपक्ष

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। पहले ही दिन कृषिमंत्री नरेंद्रसिंह तोमर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला बिल लोकसभा में पेश करेंगे। विपक्ष ने भी किसान आंदोलन, महंगाई, पेगासस जासूसी, निजीकरण जैसे मुद्दों पर तीखे तेवर अपनाने के संकेत दिए हैं। वहीं सरकार तीन नए कानून को निरस्त करने, क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक मुद्रा विनियमन समेत 26 बिल पेश करेगी।

केंद्रीय मंत्री की गुजारिश

भाजपा ने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया है। विपक्ष ने खासतौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने, किसान आंदोलन के दौरान हुई मौतों पर मुआवजा देने, पेट्रोल-डीजल सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ने, पेगासस जासूसी, बेतहाशा निजीकरण और सीमा सुरक्षा बल अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने जैसे मामले को जोरशोर से उठाने की रणनीति बनाई है। वहीं कल सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने पार्टियों से गुजारिश की है कि इस बार संसद का सत्र काफी महत्वपूर्ण होने वाला है इसलिए शोर-शराबे की भेंट ना चढ़ने दें।

26 विधेयक पेश करेगी सरकार

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार 26 विधेयक पेश करने जा रही है। जिनमें बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम आधा दर्जन से अधिक विधेयक शामिल हैं। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, मध्यस्थता विधेयक 2021, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 आदि शामिल हैं।

सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए 31 दल

शीतकालीन सत्र शुरू होने के एक दिन पहले यानि रविवार को सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें 31 दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। वहीं आम आदमी पार्टी ने बैठक का बहिष्कार किया। विपक्ष के अलावा बीजेपी के साथ दिखने वाली कई पार्टियों ने भी किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग का समर्थन किया है। शीत्र सत्र से ठीक पहले हुई इस बैठक में वामपंथी दलों ने बैठक में प्रधानमंत्री के न शामिल होने का मुद्दा उठाया। विपक्षी दलों ने इस बैठक में महंगाई, बेरोजगारी, पेगासस, महिला आरक्षण बिल, बीएसएफ का क्षेत्र विस्तार के मुद्दों को भी जोर शोर से उठाया।

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