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तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा में पारित, अमित शाह बोले- ‘तारीख पे तारीख’ नहीं मिलेगी… मानव केंद्रित न्याय प्रणाली बनेगी

नई दिल्ली। भारत में आपराधिक कानूनों से जुड़े तीन बिल बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक मानव केंद्रित न्याय प्रणाली सुनिश्चित करेंगे तथा अब लोगों को ‘तारीख पे तारीख’ नहीं मिलेगी।

लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक- 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर दो दिनों तक करीब 6 घंटे तक चली चर्चा का गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतत्रंता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार’ रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं। गृह मंत्री का कहना था कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं।

गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया है। प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि औपनिवेशिक कानून से मुक्ति मिलनी चाहिए और इसी के तहत गृह मंत्रालय ने कानूनों को बदलने की दिशा में काम करना आरंभ किया। उनका कहना था, पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

आमूल-चूल परिवर्तन किए गए हैं : शाह

गृह मंत्री शाह ने कहा, इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं। उन्होंने कहा, आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है।

मॉबलिंचिंग पर होगी फांसी की सजा : शाह

उन्होंने कहा कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है। गृह मंत्री ने सदन में कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध है और इस कानून में इस अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।” शाह के मुताबिक, आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा।

मोदी सरकार जो कहती है वो करती है : शाह

गृह मंत्री शाह ने कहा, हमने कहा था कि हम अनुच्छेद 370 और 35-ए हटा देंगे, हमने हटा दिया। हमने वादा किया था, आतंकवाद को समाप्त कर देंगे, ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति बनाएंगे और सुरक्षा कर्मियों को कार्रवाई की स्वतंत्रता देंगे, हमने दिया। हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे और अब 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। ये नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो कहती है वो करती है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के सख्त रुख का उल्लेख करते हुए कहा, ये अंग्रेजों का शासन नहीं है, ये कांग्रेस का शासन नहीं है, ये भाजपा और नरेंद्र मोदी का शासन है। यहां आतंकवाद को बचाने की कोई दलील काम नहीं आएगी।

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