
भोपाल। राजधानी भोपाल में स्थित सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम करीब 4 बजे भीषण आग लग गई। सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर लगी आग तेज हवा की वजह से इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही देर में छठी मंजिल तक पहुंच गई। वहीं अब इस अग्निकांड को लेकर एक बार फिर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेताओं ने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस के आरोपों पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है।
यह भ्रष्टाचार का मामला है : कमलनाथ
भोपाल के सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना के बाद मंगलवार को पीसीसी चीफ कमलनाथ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि सतपुड़ा भवन में आग लगी या लगाई गई ? एक और भ्रष्टाचार का उदाहरण है। बताया जा रहा 12,000 फाइल जली, लेकिन ना जाने कितनी फाइलें जली होगी। जो हजारों फाइल जली, उनका क्या लक्ष्य था, क्या उद्देश्य था। एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है। कमलनाथ ने कहा कि आग लगने की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
#सतपुड़ा_फायर_अपडेट : पीसीसी चीफ #कमलनाथ ने कहा- यह एक और भ्रष्टाचार का उदाहरण है। प्रश्न यह है कि #सतपुड़ा_भवन में #आग लगी या लगाई गई है? बताया जा रहा 12,000 फाइल जली, लेकिन ना जाने कितनी फाइल जली होगी, देखें #VIDEO@OfficeOfKNath @INCMP @CMMadhyaPradesh@BJP4MP @ChouhanShivraj… pic.twitter.com/f3c21SpoN6
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लंका दहन शुरू : प्रमोद कृष्णम
सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर लिखा – हनुमान जी की “महिमा” अपरंपार है। कर्नाटक से सीधा “भोपाल” पहुंच गए और “लंका दहन” शुरू।
जीतू पटवारी ने पूछा- पुराने ‘अग्निकांड’ में दोषी कौन थे?
राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग को लेकर पूर्व कांग्रेस के मंत्री जीतू पटवारी ने सीधे तौर पर भाजपा सरकार पर ही आरोप लगाते हुए एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा- यह आग लगी है या लगवाई गई है? जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए यह कहा कि 50% कमीशन वाली सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के सभी सबूतों को जलाकर नष्ट कर दिया। यह आज पहली बार नहीं लगी है। इससे पहले भी 18 सितंबर 2018 को सतपुड़ा भवन में आग लगी थी और उस वक्त भी भाजपा सरकार द्वारा अपने कई कागजों को स्वयं ही नष्ट करवा दिया गया था। सर्वे कांग्रेस के पक्ष में हैं। शिवराज के कुशासन से आम जनता त्रस्त हो गई है।
पटवारी द्वारा आरोप लगाते हुए यह भी मध्य प्रदेश की जनता से सवाल किए गए कि पिछली बार जो आग लगी थी, उसका दोषी कौन था। उस पर शिवराज सिंह सरकार ने अब तक किसी प्रकार की कोई जांच या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। साल 2018 में जिस प्रकार सतपुरा भवन में आग लगी थी, उसमें अब तक दोषियों के खिलाफ ना ही कोई कार्रवाई हुई है और ना ही आज तक किसी दोषी के बारे में जानकारी सामने आई है। किसने यह आग को लगाया या इसका कारण क्या था। सरकार ने अब तक पुराने मामले में दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है तो इस बार की आग में वाक्य से किसी पर दोष लगाकर उस पर कार्रवाई करेगी।
कांग्रेस के आरोपों पर गृह मंत्री का बयान
सतपुड़ा भवन में लगी आग को लेकर हुई बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- डिजिटल जमाना है। सभी फाइलों को फिर से रीक्रिएट कर लेंगे। घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। कमेटी 3 दिन के अंदर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंप देगी। केंद्र की योजनाओं के डाटा को रीक्रिएट कर लिया जाएगा। हुए दस्तावेजों का डाटा इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में है स्टोर, आसानी से रिकवर हो जाएगा।
#सतपुड़ा_फायर_अपडेट : #CM हाउस में चल रही बैठक खत्म, होम मिनिस्टर #नरोत्तम_मिश्रा ने दी जानकारी, 3 दिन के भीतर आ जाएगी जांच रिपोर्ट, जले हुए दस्तावेजों का डाटा इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में है स्टोर, आसानी से हो जाएगा रिकवर, #कांग्रेस की आग लगाने की साजिश के आरोपों पर बोले, जहां… pic.twitter.com/09U72ZLQiR
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कांग्रेस की आग लगाने की साजिश के आरोपों पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- जहां 4000 कर्मचारी काम करते हैं। वहां कोई कैसे आग लगा सकता है। ऐसे में पेट्रोल लेकर कौन जाएगा। हादसों पर राजनीति कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस के सभी आरोप झूठे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने आरोपों को बताया निराधार
देर रात सतपुड़ा भवन का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया। कहा – यह सब बाद में पता चलेगा कि क्या जला है? क्या हुआ है? कांग्रेस के लोग कह रहे हैं कि हमें पहले से पता था तो क्या उन्होंने लगवाई है? जो भी है मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी बनाई है उसकी जांच में सामने आएगा।
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