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मध्यप्रदेश में दो दशक बाद अब डिप्टी सीएम का फॉर्मूला लागू करने की तैयारी!

सियासी समीकरण साधने की मजबूरी, भाजपा-कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कर रहा मंथन, छग में हो चुका प्रयोग

राजीव सोनी-भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा अथवा कांग्रेस में से किसी भी दल के पक्ष में रहें और मुख्यमंत्री कोई भी बने एक बात लगभग तय है कि दो दशक बाद डिप्टी चीफ मिनिस्टर का फार्मूला लागू होगा। दोनों ही दलों का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर गंभीरता से मंथन कर रहा है। कांग्रेस ने चंद महीने पहले ही छत्तीसगढ़ में डिप्टी सीएम पद पर टी एस सिंहदेव की ताजपोशी की है। भाजपा भी मप्र में सियासी, जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की गरज से पहली बार यह प्रयोग दोहराने पर विचार कर रही है। देश में इस समय उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार, आंध्र प्रदेश और छग सहित 11 राज्यों की सरकारों में डिप्टी सीएम की व्यवस्था चल रही है। मप्र में 2003 तक जमुना देवी दिग्विजय मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम के बतौर कार्यरत थीं।

दोनों ही दल सहमत

प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी। नाम न छापने की शर्त पर दोनों ही दलों के शीर्ष नेताओं ने ”पीपुल्स समाचार ” से बातचीत के दौरान इस बात पर सहमति जताई कि उनके दल की सरकार बनने पर सामान्य, ओबीसी और ट्राइबल वर्ग को साधने के लिए मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री पद फिर से कायम करना पड़ेगा। भाजपा यह प्रयोग कई राज्यों में कर चुकी है। पड़ोसी राज्य उप्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ दो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक बनाए गए हैं।

मप्र में ये नेता रहे डिप्टी सीएम: वीरेंद्र कुमार सखलेचा, शिवभानु सोलंकी सुभाष यादव और जमुना देवी।

सीएम के चेहरे को लेकर भाजपा में सस्पेंस…

मध्यप्रदेश के मौजूदा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल के अलावा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय व सांसद रीति पाठक, राकेश सिंह, गणेश सिंह एवं राव उदयप्रताप सिंह की सीट पर सबकी नजर है। मुख्यमंत्री पद पर 18 साल से पदासीन शिवराज सिंह चौहान का यह चौथा कार्यकाल है। इस चुनाव में पार्टी ने किसी को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश नहीं किया इसलिए सीएम पद की दौड़ में कई नेताओं के नाम भी हैं। लेकिन बहुमत मिलने पर भाजपा हाईकमान सीएम के रूप में किसकी ताजपोशी करेगी, इस पर सस्पेंस बना हुआ है लेकिन डिप्टी सीएम के पद पर जातीय समीकरण के हिसाब से ताजपोशी होगी। इसमें विशेष रूप से सामान्य के अलावा ओबीसी, ट्राइबल एवं अनुसूचित जाति वर्ग को साधने की तैयारी है।

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