भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने से 4 बच्चों की मौत, सीएम ने दिए जांच के आदेश

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कमला नेहरू अस्पताल में सोमवार रात आग लगने से चार बच्चों की मौत हो गई। यह बिल्डिंग हमीदिया हॉस्पिटल का ही एक हिस्सा है। आग अस्पताल की तीजरी मंजिल पर स्थित नवजात गहन चिकित्सा इकाई ( NICU) में लगी थी। रेस्क्यू टीम ने करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जिस चिल्ड्रन वार्ड में आग लगी, उसे नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाना था। वहीं, राज्य सरकार ने मृत बच्चों के घरवालों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।

अस्पताल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग

चाइल्ड वॉर्ड में 40 बच्चे थे भर्ती

सूचना मिलने पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि तीसरे फ्लोर के जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 40 बच्चे भर्ती थे, जिसमें से 4 बच्चों की मौत हो गई है। बाकी 36 बच्चों को बचाकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक के माता-पिता को मुआवजे के तौर पर 4-4 लाख रुपए अनुग्रह राशि दी जाएगी।

धुएं के चलते रेस्क्यू में आई दिक्कत

अस्पताल में आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं थीं। जानकारी के मुताबिक, आग भीषण थी। ऐसे में 8 से अधिक दमकल की गाड़ियां लगभग तीन घंटे तक आग बुझाने के काम में लगी रहीं। धुआं अधिक होने की वजह से रेस्क्यू में परेशानी हुई। वहीं, अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। जानकारी के मुताबिक 21 साल पुरानी इस बिल्डिंग में फायर हाइड्रेड लंबे समय से मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़े हैं। सिर्फ एक फायर एक्सटिंग्विशर के भरोसे पूरी सुरक्षा व्यवस्था थी।

मुख्यमंत्री ने ACS को सौंपी जांच

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में आग की घटना दुखद है। दुर्भाग्यवश पहले से गंभीर रूप से बीमार होने पर भर्ती तीन बच्चों को नहीं बचाया जा सका। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। ये जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान करेंगे। घटना पर मेरी लगातार नजर है।

 

7 अक्टूबर को भी लगी थी आग

हमीदिया अस्पताल के कैंपस में इससे पहले भी 7 अक्टूबर को आग लगने की घटना सामने आई थी। यह घटना ठेकेदार के स्टोर रूम में हुई थी। फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियों ने मिलकर एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। इस घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ था।

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