जबलपुरमध्य प्रदेश

डेंगू के टाइप 2 मरीजों की बढ़ी संख्या, आंतरिक अंगों में रक्त स्त्राव के बढ़े मामले

डेंगू मच्छर की तीन प्रजातियां फैला रही संक्रमण

जबलपुर। हर साल की तरह इस बार डेंगू का डंक तेज व अधिक घातक है। इस बार मरीजों को तेज बुखार आने के साथ ही उनके प्लेटलेट्स काउंट तेजी से गिर रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो इस बार डेंगू पॉजिटिव मरीजों में निमोनिया व मल्टी ऑर्गन फेल्योर के केस भी सामने आ रहे हैं। इस साल डेंगू का टाइप-2 अधिक तेजी से फैल रहा है। जिसमें शरीर के आंतरिक अंगों से रक्त स्त्राव की समस्या मरीजों में अधिक देखने को मिल रही है।

डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू का टाइप-2 या डेंगू हिमोरेसिक या डीएचएफ कहा जाता है। इसके लक्षणों में मरीज की नाक और मसूड़ों से खून निकलना, शौच या उल्टी से खून निकलना, स्किन पर गहरे नीले व काले रंग का निशान पड़ना है। गौरतलब है कि जिले में 22 सितंबर तक डेंगू के कुल 554 मरीज पॉजिटिव हैं। जबकि मलेरिया के 14 व चिकिनगुनिया के 66 मरीज हैं।

एडीज की 3 प्रजातियां 3 प्रकार के फैलाती हैं संक्रमण

जिला मलेरिया कार्यालय की डेंगू सर्वे टीम के अनुसार डेंगू मच्छर 3 तरह का होता है। जिसमें मादा एडीज एजिप्टी, जो घरों के अंदर पाया जाता है। वहीं दूसरा एडीज अल्बोपिक्टस है। मच्छर की यह प्रजाति जंगल, बगीचे में पाई जाती है। घरों के आसपास झाड़ियों में इसके पनपने की संभावना रहती है। वहीं तीसरी प्रजाति एडीज विटेटिस है, जो पथरीले क्षेत्र में पाया जाता है।

डेंगू रिपोर्ट

जून- 1 पॉजिटिव

जुलाई- 43 पॉजिटिव

अगस्त – 186 पॉजिटिव

सितंबर – 554- 22 सितंबर तक पॉजिटिव

बुखार के बाद मरीज जल्द हो जाता है रिकवर

डॉक्टरों के अनुसार डेंगू का पहला टाइप साधारण डेंगू कहलाता है। इसमें मरीज डेंगू से संक्रमित होने के करीब 1 सप्ताह में रिकवर हो जाता है। इस टाइप में लोगों को ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना, सिर व मांसपेशियों के साथ जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, कमजोरी महसूस होना और भूख नहीं लगने जैसे लक्षण होते हैं।

ब्लड टेस्ट से पकड़ में आता है डीएचएफ

डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू के अलग-अलग टाइप अलग-अलग लक्षणों से पता लगते है। लेकिन डेंगू डीएचएफ टाइप सिर्फ ब्लड टेस्ट के माध्यम से पता लगता है। इस टाइप से डेंगू पॉजिटिव मरीजों के आंतरिक अंगों में रक्त स्त्राव होने लगता है। वहीं डेंगू का सबसे खतरनाक टाइप शॉक सिंड्रोम है। इस टाइप से संक्रमित मरीज के मल्टी ऑर्गन फेलियर हो जाता है।

डेंगू के मच्छरों की 3 प्रजातियां होती हैं जो घरों में, जंगलों में और पथरीली जगह में अपनी प्रजाति को बढ़ाती हैं। डेंगू टाइप 2 इन दिनों लोगों को अधिक संक्रमित कर रहा है।

डॉ. आरके पहारिया, जिला मलेरिया अधिकारी

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