
भोपाल। मध्य प्रदेश के आउटसोर्स बिजलीकर्मी शुक्रवार को काम पर लौट आए हैं। अपनी मांगों को लेकर 21 जनवरी से हड़ताल पर थे। वह अब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ मीटिंग करेंगे। आउटसोर्स के साथ तकनीकी कर्मचारी संगठन और विद्युत अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ भी हड़ताल कर रहा था। बता दें कि नियमितीकरण समेत अन्य मांगों के समर्थन में हड़ताल की जा रही थी।
श्योपुर में प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह का घेराव
आउटसोर्स बिजली कर्मचारियों ने गुरुवार को श्योपुर में प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह का घेराव किया था। बिजली संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
70 हजार कर्मचारी कर रहे थे आंदोलन
यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के बैनर तले मध्य प्रदेश के 70 हजार से ज्यादा आउटसोर्स बिजलीकर्मी पिछले तीन दिनों से आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। इसके साथ ही कहा था कि वे पहले सरकार से बातचीत करेंगे। इसके बाद मांगों पर विचार नहीं किया गया तो सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
श्योपुर विधायक ने भी किया था समर्थन
सोमवार को श्योपुर के विधायक बाबू जंडेल ने भी आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था- सरकार संविदाकर्मियों के साथ मनमानी करती है। उन्होंने कहा- हम आपकी आवाज को उठाएंगे। विधायक ने कहा कि जिस तरह आर्मी देश की रक्षा करती है, आप भी अपनी जिंदगी खतरे में लेकर नौकरी कर रहे हैं।
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कर्मचारियों की मांगें
- संविदा बिजलीकर्मियों को तुरंत नियमित किया जाए।
- आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन करते हुए कार्यावधि एवं वरिष्ठता के अनुसार वेतनवृद्धि प्रदान करें। उनके भविष्य को सुरक्षित करने की नीति बनाएं। 20 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा कराएं।
- पुरानी पेंशन बहाल हो, ताकि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके।
- वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमेटी बनाई जाए।
- लंबित फ्रिंज बेनिफिटस का पुर्ननिरीक्षण कर अधिकारी-कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए कैशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू हो।
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