राष्ट्रीय

जस्टिस यूयू ललित बने भारत के 49वें चीफ जस्टिस, तीन न्यायिक सुधारों का किया वादा

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने आज देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुआ। नए चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित का कार्यकाल तीन महीने से भी कम का होगा और वह 8 नवंबर को रिटायर होंगे। जस्टिस ललित ने शुक्रवार को 3 अहम सुधारों का वादा किया है।

इन 3 मसलों पर रहेगा फोकस

CJI के तौर पर जस्टिस ललित का कार्यकाल सिर्फ 74 दिन का होगा। इस दौरान उन्हें सुप्रीम कोर्ट में लंबित 492 संवैधानिक मामलों को निपटाने की चुनौती होगी। जस्टिस यूयू ललित ने सोमवार से न्यायिक सिस्टम में तीन बड़े सुधार करने के प्रॉमिस किए हैं।

1. लिस्टिंग का नया कारगर सिस्टम होगा। यानी सुनवाई के लिए मुकदमे समय से सूचीबद्ध होंगे।
2. अर्जेंट मामलों की मेंशनिंग का भी नया सिस्टम होगा। अधिकतम पीठों के सामने मामले मेंशन किए जा सकेंगे।
3. ज्यादा संविधान पीठ होंगी। ऐसा इंतजाम किया जाएगा कि सालभर कम से कम एक संविधान पीठ तो काम करती ही रहे।

71,411 मामले लंबित

सीजेआई एनवी रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हुए थे जिसके बाद जस्टिस उदय रमेश को भारत का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, 26 अगस्त तक कोर्ट में 71,411 अन्य मामले लंबित हैं। इनमें आर्टिकल 370, नोटबंदी, सीएए, इलेक्टोरल बॉन्ड, यूएपीए और सबरीमाला जैसे केस शामिल हैं।

बार से CJI बनने वाले दूसरे जज हैं ललित

क्रिमिनल लॉ विशेषज्ञ जस्टिस ललित 13 अगस्त 2014 को बार से सुप्रीम कोर्ट के जज बने। बार से CJI बनने वाले वे दूसरे जज हैं। उनसे पहले जस्टिस एस. एम. सीकरी मार्च 1964 में SC की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे। वह जनवरी 1971 में 13वें CJI बने थे।

पहली बार SC की कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को एक नया प्रयोग देखा और वो प्रयोग था- कोर्ट-1 की कार्यवाही को NIC ने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीम किया। शुक्रवार को CJI एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की विशेष बेंच ने महत्वपूर्ण मामलों में पांच फैसले दिए, जिन पर पूरे देश की नजर थी।

4 महीनों के अंदर देश देखेगा 3 CJI

सुप्रीम कोर्ट में दशकों बाद ऐसा मौका आया है, जब देश चार महीनों में तीन चीफ जस्टिस देख रहा है। इसी साल बीत चुके जुलाई से आने वाले नवंबर के दौरान CJI एनवी रमना के अलावा जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भी मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।

इस दिलचस्प संयोग के पांच साल बाद 2027 में भी देश ऐसे ही संयोग का साक्षी होगा। साल 2027 में सितंबर से अक्टूबर के दरम्यान दो महीनों में तीन चीफ जस्टिस आएंगे और जाएंगे।

2027 में भी बनेगा ऐसा संयोग

सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड, परंपरा और प्रैक्टिस के मुताबिक 2027 में 27 सितंबर को जस्टिस विक्रम नाथ मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होंगे और देश को पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिलेंगी। जस्टिस बीवी नागरत्ना 35 दिन के लिए देश की मुख्य न्यायाधीश होंगी।

इसके बाद जस्टिस पीएस नरसिम्हा 31 अक्टूबर 2027 से छह महीने तीन दिन के लिए चीफ जस्टिस बनेंगे।

ये भी पढ़ें- IB का दिल्ली पुलिस को Alert… 15 अगस्त पर लश्कर, ISI और जैश के हमले की आशंका, रिपोर्ट में उदयपुर कांड का भी जिक्र

1950 में भी हुआ था ऐसा

  • 2027 तक इतने कम समय में तीन चीफ जस्टिस बनने का ये तीसरा मौका होगा।
  • सुप्रीम कोर्ट 1950 में अस्तित्व में आया। जिसके बाद सबसे पहले 1991 में नवंबर और दिसंबर के बीच देश में तीन अलग-अलग CJI बने थे।
  • तब CJI रंगनाथ मिश्रा 24 नवंबर 1991 को रिटायर हुए थे। फिर जस्टिस कमल नारायण सिंह 25 नवंबर से 12 दिसंबर तक यानी कुल 18 दिन के लिए चीफ जस्टिस बने।
  • बाद में जस्टिस एमएच कानिया चीफ जस्टिस बने और 13 दिसंबर 1991 से 17 नवंबर 1992 तक यानी 11 महीने तक इस सर्वोच्च पद पर जिम्मेदारी संभाली।

अन्य राष्ट्रीय खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button