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लोकतंत्र के नए मंदिर का MP कनेक्शन : इस मंदिर की तर्ज पर बना है सेंट्रल विस्टा, पुराना संसद भवन भी था मध्य प्रदेश से प्रेरित

नई दिल्ली। देश का नया संसद भवन भी मध्य प्रदेश के एक मंदिर की तर्ज पर बना है। जिसका उद्घाटन पीएम मोदी 28 मई को करेंगे। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बना नया संसद भवन विदिशा के परमार कालीन विजय सूर्य मंदिर के मॉडल पर तैयार किया गया है। यानी भारत की सबसे शक्तिशाली इमारत का इतिहास आजादी के पहले से मध्य प्रदेश से जुड़ा है और आगे भी जुड़ा रहेगा।

विजय सूर्य मंदिर की तर्ज पर बना है नया संसद भवन

विदिशा के इस विजय सूर्य मंदिर का निर्माण परमार काल के शासक राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री चालुक्य वंशी वाचस्पति ने 11वीं सदी में कराया था। मंदिर का निर्माण परमार शैली के अनुरूप भव्य विशाल पत्थरों पर अंकित परमारकालीन राजाओं की गाथाओं से किया गया था।

मंदिर करीब डेढ़ सौ गज ऊंचा बताया जाता था। मंदिर की भव्यता और विशालता मुगल शासकों को शुरू से ही खटकती रही। 17वीं शताब्दी में मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को 11 तोपों से उड़ाकर उसे लूट लिया। इसके साथ ही मंदिर को तोड़कर ज्यादातर मूर्तियों को बर्बाद कर दिया।

1934 की खुदाई में मिले मंदिर के अवशेष

कुछ अवशेषों को दफन कर उसके ऊपर मस्जिद का निर्माण कराया गया। 1934 की खुदाई में मंदिर के अवशेष मिलने पर यह मामला प्रकाश में आया और गहरी खुदाई पर मंदिर रूपी एक भव्य इमारत सामने आई। उसके बाद आरकेलॉजिक डिपार्टमेंट ने पूरी जगह को अपने हैंडोवर में ले लिया।

मंदिर के पट फिलहाल बंद हैं। मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। हुबहू विजय सूर्य मंदिर विदिशा की तर्ज पर नई लोकसभा का निर्माण हुआ है। प्राचीन विजय सूर्य मंदिर के गेट पर निर्मित दो विशाल स्तंभ नई लोकसभा के प्रवेश द्वार से मेल खाते हैं।

चौंसठ योगिनी मंदिर से प्रेरित है पुराना संसद भवन का डिजाइन

पुराने संसद भवन का डिजाइन भी मध्य प्रदेश के मंदिर से ही प्रेरित था। भवन की गोलाई का आकार मध्यप्रदेश के मुरैना स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर से प्रेरित है। ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने संसद भवन की डिजाइन तैयार की थीं। ये संसद भवन देखने में काफी विशाल है।

लोकतंत्र को अपमानित कर रहे विपक्षी दल : सीएम

नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का कई विपक्षी पार्टियों द्वारा बहिष्कार किया जा रहा है। इसको लेकर मध्य प्रेदश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि- ‘नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार बेहद शर्मनाक! लोकतंत्र का सम्मान हम सभी की जिम्मेदारी है, लेकिन कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दल लोकतंत्र को अपमानित करने का काम कर रहे हैं। “नई संसद” देश का गौरव है और इसका उद्घाटन लोकतंत्र के लिए बड़ा दिन है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए विपक्षी दल इसका बहिष्कार कर रहे हैं, यह घोर निंदनीय है।’

सेंट्रल विस्टा के उद्धाटन पर 19 विपक्षी दलों का विरोध

इस नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले देश में जमकर राजनीति हो रही है। देश के 19 विपक्षी दलों ने इस आयोजन में शामिल न होने की बात कहते हुए इसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने का विरोध किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि, सेंट्रल विस्टा के निर्माण का श्रेय लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी खुद इसका उद्घाटन कर रहे हैं, जबकि संविधान की इस नई पहचान का उद्घाटन देश के सर्वेोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति को करना चाहिए। इसके साथ ही कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति का नाम भी आमंत्रण पत्र में न होने पर जमकर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि राज्यसभा के सभापति होने के नाते उपराष्ट्रपति का नाम भी अतिथियों की सूची में शांमिल नहीं है।

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