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Himachal Politics : हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायक BJP में शामिल, तीन निर्दलीयों ने भी थामा ‘कमल’

शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के 6 बागी विधायकों और 3 निर्दलीयों ने शनिवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली। हिमाचल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में इन सभी ने भाजपा की सदस्यता ली। इन विधायकों ने हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट किया था। जिससे कांग्रेस कैंडिडेट हार गए थे।

इन लोगों ने थामा BJP का हाथ

इन बागी विधायकों में सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो व गगरेट से चैतन्य शर्मा और निर्दलीयों में देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा शामिल हैं।

40 से 34 सीटों पर पहुंची कांग्रेस

68 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 35 का था। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक थे। 6 विधायकों की बगावत के बाद कांग्रेस के पास अब 34 सीटें हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से एक कम है। लेकिन बागी विधायकों के सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विधानसभा स्ट्रेंथ अब 62 हो गई है। ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा अब 32 हो गया है। ऐसे में मौजूदा वक्त में विधानसभा में कांग्रेस ही आगे है।

वहीं बीजेपी के 25 विधायक हैं, शनिवार को 9 विधायकों की बीजेपी में ज्वाइनिंग हुई और उन सभी सीटों पर उपचुनाव होंगे। अगर ये सभी 9 जीत जाते हैं तो उस स्थिति में बीजेपी के 34 विधायक हो जाएंगे। इसका मतलब है कि, कांग्रेस और बीजेपी बराबरी की स्थिति में आ जाएंगे।

राज्यसभा चुनाव में कैसे हुआ खेला?

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव था। इसे जीतने के लिए 35 विधायकों के वोट की जरूरत थी। कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, इसलिए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी। हिमाचल में बीजेपी के पास 25 विधायक हैं। उसके पास 10 वोट कम थे, फिर भी पार्टी ने हर्ष महाजन को चुनावी मैदान में उतार दिया।

जब चुनाव हुए तो कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी के पक्ष में वोट दिया। इससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार को 34-34 वोट मिले और मैच ड्रॉ हो गया। आखिरकार पर्ची के जरिए फैसला किया गया, जिसमें बीजेपी के हर्ष महाजन की जीत हुई।

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