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जेल से निकलते ही सिद्धू का केंद्र पर हमला, कहा- जहां-जहां अल्पसंख्यक हैं वहां सरकारें षड्यंत्र कर रहीं

पटियाला। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू करीब 10 महीने बाद पटियाला सेंट्रल जेल से शनिवार को रिहा हो गए। आसमानी रंग की जैकेट पहने हुए सिद्धू शाम 5:53 बजे जेल से बाहर निकले। जेल से बाहर आते ही सिद्धू ने कहा- जब भी तानाशाही इस देश में आई, एक क्रांति आई। आज मैं छाती ठोंककर कहता हूं कि इस क्रांति का नाम है राहुल गांधी। यह क्रांति सरकार की जड़ें हिला देगी। मैं आज भी कहता हूं कि कांग्रेस का वर्कर देखिए किस तरह से टकरा रहा है। आज लोकतंत्र बेड़ियों में है। लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है कोई। पंजाब ढाल है इस देश की। उसे तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश की जा रही है। जहां-जहां अल्पसंख्यक हैं, वहां-वहां सरकारें षड्यंत्र करती हैं।

दोपहर में बाहर आने की थी उम्मीद

पहले उम्मीद थी कि उन्हें दोपहर तक रिहा कर दिया जाएगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। सिद्धू के समर्थक उनका भव्य स्वागत करने के लिए शनिवार को सुबह से ही जेल के बाहर इकट्ठा थे। उन्होंने ‘नवजोत सिद्धू जिंदाबाद’ के नारे लगाए। जेल के बाहर अमृतसर के सांसद गुरजीत औजला, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख शमशेर सिंह दुल्लो समेत तमाम लोग सिद्धू का स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहे थे।

रोड रेज मामले में हुई थी जेल

1988 में ‘रोड रेज’ के एक मामले में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सिद्धू को दोषी ठहराया था और उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, अच्छे आचरण को देखते हुए को सिद्धू को समय से पहले रिहा कर दिया गया। उन्होंने पैरोल भी नहीं ली थी। वह पिछले साल 20 मई से जेल में बंद थे।

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