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किसानों को दिवाली का डबल तोहफा: केंद्र सरकार ने बढ़ाई रबी फसलों की MSP, अब मिलेंगे ज्यादा दाम

केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को एक और बड़ा तोहफा दिया है। कैबिनेट ने गेहूं और दाल समेत 6 रबी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने गेहूं और दाल समेत रबी की 6 फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) 9 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है।

एमएसपी में 3 से 9% बढ़ोतरी की सिफारिश

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की एमएसपी में 3 से 9% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। गेहूं दालों के साथ-साथ केंद्र सरकार ने रबी की 6 अन्य फसलों की एमएसएपी की बढ़ोतरी कर दी है।

कितनी बढ़ी रबी फसलों की MSP?

कैबिनेट ने मार्केटिंग ईयर 2023-24 के लिए सभी रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी की मंजूरी दी। मसूर के एमएसपी में सबसे ज्यादा 500 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। कैबिनेट ने सरसों की MSP में 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। वहीं जूट की MSP में 110 रुपए क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। CACP की सभी सिफारिशों को कैबिनेट से मंजूरी मिली है।

फसल पुरानी MSP नई MSP कितना बढ़ा
गेहूं 2,015 रुपए 2,125 रुपए 110 रुपए
जौ 1,635 रुपए 1,735 रुपए 100 रुपए
चना 5,230 रुपए 5,335 रुपए 105 रुपए
मसूर 5,500 रुपए 6,000 रुपए 500 रुपए
सरसों-कैनोला 5,050 रुपए 5,450 रुपए 400 रुपए
कुसुम 5,441 रुपए 5,650 रुपए 209 रुपए

क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइज?

MSP या न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत है जिस पर सरकार, किसानों से फसल खरीदती है। ऐसे में सरकार किसानों से जिस भाव पर खाद्यान खरीदती है उसे ही न्यूतम समर्थन मूल्य या MSP (Minimum Support Price) कहा जाता है। किसी फसल का MSP इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल का उचित न्यूनतम मूल्य मिलता रहे।

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कैसे तय होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य?

न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान सरकार की तरफ से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश पर साल में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में किया जाता है। गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है।

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