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Atal Setu Inauguration : घंटों का सफर अब मिनटों में… PM मोदी ने किया अटल सेतु का उद्घाटन, समुद्र पर 21.8 किमी. लंबा ब्रिज मुंबई-नवी मुंबई को जोड़ेगा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुबंई में दुनिया के सबसे बड़े सी-ब्रिज में से एक अटल सेतु का उद्घाटन किया। इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत दोनों डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के साथ राज्यपाल रमेश बैस भी मौजूद रहे। मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (MTHL) का नाम अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ रखा गया है। पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस ब्रिज का शिलान्यास किया था। देखें वीडियो

देश की जनता को सौंपा अटल सेतु : PM

ब्रिज के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करता हूं और भारत के लोगों को अटल सेतु सौंपता हूं। आज का दिन ऐतिहासिक है। यह हमारे निर्णय का उदाहरण है कि हम विकास के लिए समुद्र से भी टकरा सकते हैं, लहरों को भी चीर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा- एक समय था, जब लोग वर्षों तक हवा में लटकी परियोजनाओं के आदी थे, लेकिन यह मोदी की गारंटी है कि जैसा मैंने कहा था, यह परियोजना पूरी होगी और आज वही दिन है।

2 घंटे का सफर अब 20 मिनट में होगा पूरा

अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से किया गया है। यह ब्रिज लगभग 21.8 किमी लंबा और सिक्स लेन वाला है। 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और करीब 5.5 किमी जमीन पर बना है। यह देश का सबसे लंबा ब्रिज है। इसके जरिए मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी। अभी दो घंटे का वक्त लगता था। इसके जरिए मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत के बीच का सफर भी कम हो जाएगा।

400 कैमरे और AI टेक्नोलॉजी से है लैस

एक अनुमान के मुताबिक, इस ब्रिज से हर दिन करीब 70 हजार से भी ज्यादा लोग सफर करेंगे। ब्रिज पर 400 कैमरे लगे हैं, इसके अलावा ट्रैफिक के दबाव की जानकारी जुटाने के लिए एआई आधारित सेंसर लगे हैं।

देश के सबसे बड़े सी-ब्रिज की खासियत

• अटल सेतु दुनिया का 12वां सबसे लंबा सी-ब्रिज है। इस पर भूकंप, उच्च ज्वार और तेज हवाओं के दबाव का असर नहीं होगा।
• इस अटल पुल के निर्माण में लगभग 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का उपयोग किया गया है।
• 2018 से परियोजना को पूरा करने के लिए कुल 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने रोजाना काम किया। परियोजना पर काम करने के दौरान सात मजदूरों की जान चली गई
• ब्रिज पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं होगी।
• मानसून के दौरान तेज हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिजाइन किए गए हैं। बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है।

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