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मुंबई की सड़कों पर काली-पीली पट्टी वाली प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी नहीं दिखेंगी

मुंबई। दशकों तक मुंबई की पहचान रही काले और पीले रंग की प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी का सफर खत्म हो गया है। छह दशक तक कारोबारियों, पर्यटकों और नौकरीपेशा लोगों को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाने वाली प्रीमियर पद्मिनी टैक्सियां अब सड़कों पर देखने को नहीं मिलेंगी। इससे पहले मुंबई की पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पहचान रही डबल डेकर बस 14 सितंबर को बंद कर दी गई थी। मुंबई की सड़कों पर इसका सफर 1964 में शुरू हुआ था। तब प्रीमियर पद्मिनी कार के मॉडल का नाम फिएट-1100 डिलाइट था। यह 1200 सीसी की गाड़ी थी और इसमें स्टीरिंग के साथ गियर था। प्रीमियर पद्मिनी को 1970 के दशक में प्रीमियर प्रेसिडेंट के नाम से जाना जाता था। फिर भारतीय महारानी पद्मिनी के नाम पर इसका नाम प्रीमियर पद्मिनी पड़ा।

20 साल पहले हुआ था आखिरी रजिस्ट्रेशन

मुंबई में टैक्सियों का रजिस्ट्रेशन ताड़देव आरटीओ में कराया जाता था। आखिरी प्रीमियर पद्मिनी कार (काली-पीली टैक्सी) का रजिस्ट्रेशन 29 अक्टूबर, 2003 को कराया गया था। मुंबई में टैक्सी के लिए आयु सीमा 20 साल है। इसलिए आखिरी प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी का रविवार को आखिरी दिन था। मुंबई की आखिरी प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी के मालिक अब्दुल कारसेकर हैं। उनकी टैक्सी का रजिस्ट्रेशन नंबर एमएच- 01-जेए-2556 है।

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