
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल का रविवार को विस्तार हो गया। प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इनमें सबसे पहले कर्नल धनीराम शांडिल को शपथ दिलाई गई। इसके बाद विधायक चंद्र कुमार, हर्षवर्धन, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।
7 विधायक बने मंत्री
- शिमला जिले से 3 विधायक विक्रमादित्य, रोहित और अनिरुद्ध मंत्री बने हैं।
- कांगड़ा से चंद्र कुमार, किन्नौर से जगत राम नेगी, सोलन से धनीराम शांडिल और सिरमौर से हर्षवर्धन को मंत्री बनाया गया है।
- 5 जिलों को कोई मंत्री पद नहीं मिला।
- मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सीएम सुक्खू ने 6 विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव (CPS) की शपथ दिलाई। बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक मंत्री पद के दावेदार थे।
- इनमें सुंदर सिंह ठाकुर, राम कुमार, आशीष बुटेल, एमएल ब्राक्टा, किशोरी लाल और संजय अवस्थी शामिल हैं।
- हमीरपुर से CM सुखविंदर सुक्खू और ऊना से डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री हैं।
हिमाचल के 15वें सीएम हैं सुक्खू
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। चार बार के विधायक रहे सुक्खू हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख भी रह चुके हैं।
सुक्खू 1989 से 1995 के बीच NSUI के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह 1999 से 2008 के बीच युवा कांग्रेस के प्रमुख रहे। वह नगर निगम का चुनाव भी लड़े और दो बार पार्षद भी चुने गए थे। सुक्खू 2013 में हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख के पद तक पहुंचे और 2019 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे।
छात्र नेता के रूप में की थी शुरुआत
सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को हुआ था। वह कांग्रेस की प्रचार समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीजी और एलएलबी की पढ़ाई की। सुक्खू ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी। तब वह सरकारी कॉलेज संजौली, शिमला में छात्र थे। वे कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष और महासचिव भी रहे। उनकी पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर है। उनकी दो बेटियां हैं।
कांग्रेस ने कितनी सीटें जीतीं
हिमाचल में हर 5 साल के बाद सरकार बदलने का सिलसिला इस बार भी जारी रहा। कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीतीं और रिवाज बदलने का दावा करने वाली BJP 25 सीटों पर सिमट गई।
हिमाचल विधानसभा के लिए 12 नवंबर को चुनाव हुए थे। जिसमें करीब 76.44 प्रतिशत मतदान हुआ था। अभी तक राज्य में भाजपा की सरकार थी, लेकिन अब कांग्रेस की होगी। हिमाचल प्रदेश में भाजपा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है।