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हिट एंड रन के नए कानून का विरोध, मध्य प्रदेश में थम गए बसों-ट्रकों के पहिए… विरोध में उतरे चालकों ने किया चक्काजाम, परिवहन मंत्री बोले- हड़ताल करना समस्या का हल नहीं, देखें VIDEO

भोपाल। हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव के बाद मध्य प्रदेश में भारी संख्या में विरोध देखने को मिल रहा है। सड़क हादसों (हिट एंड रन) में वाहन चालकों की जिम्मेदारी तय करने संबंधी कानून के विरोध में आज प्रदेश में ट्रक, टैंकर, बस और टैक्सी चालकों की हड़ताल के कारण सड़क परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है।

परिवहन व्यवस्थाएं हुईं प्रभावित

राज्य के प्रमुख एवं वाणिज्यिक शहर इंदौर के अलावा राजधानी भोपाल, जबलपुर और इनके आसपास के जिलों में हड़ताल के कारण बस, ट्रक, टैंकर और टैक्सी चालन की सेवाएं प्रभावित हुई हैं। भोपाल के आसपास सीहोर, देवास, शाजापुर, नर्मदापुरम आदि जिलों में बसों के संचालन के साथ ही स्थानीय यातायात व्यवस्थाएं भी प्रभावित हुई हैं। ग्वालियर और आसपास के जिलों में भी बस और ट्रक सेवाएं बंद हैं।

हड़ताल समस्या का हल नहीं : परिवहन मंत्री

ट्रक ड्राइवर के हड़ताल के बीच मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हड़ताल की जगह ड्राइवर को बातचीत करना चाहिए, हड़ताल समस्या का हल नहीं है। बातचीत का रास्ता खोल के रखना चाहिए। हड़ताल करने वालों को चक्काजाम नहीं करना चाहिए। हड़ताल के कारण आम जनता को परेशानी नहीं होना चाहिए। देखें VIDEO…

प्रदेश भर में दिख रहा हड़ताल का असर

इस बीच इंदौर, सीहोर, मुरैना, ग्वालियर, जबलपुर और अन्य जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हड़ताल के कारण अनेक नेशनल हाईवों पर वाहनों की लंबी कतारें भी देखी गईं। हड़ताल के कारण आने वाले दिनों में फल, सब्जी, पेट्रोल, डीजल और रोजमर्रा के उपयोग की सामग्री के परिवहन की सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है। हड़ताल संबंधी खबर आज मीडिया में आने के बाद शहरी क्षेत्रों में पेट्रोल और डीजल पंपों पर वाहनों की कतार लग गई, ताकि उनमें ईंधन भराया जा सके।

क्या ये हड़ताल अनिश्चितकालीन है!

कांग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ के एक पदाधिकारी जसबीर सिंह खनूजा ने यूनीवार्ता को बताया कि ऑल इंडिया बस, ट्रक और टैंकर ऑपरेटर्स कांग्रेस और अन्य संगठनों के आह्वान पर आज देश के साथ ही मध्य प्रदेश में भी बस, ट्रक, टैंकर और टैक्सी चालकों ने हड़ताल प्रारंभ की है। उनका दावा है कि इस वजह से सड़क यात्रा से संबंधित सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल अनिश्चितकालीन है और इस संबंध में केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। खनूजा ने कहा कि परिवहन व्यवसाय वाहन चालकों की समस्या से पहले ही जूझ रहा है। अब जो नया प्रस्तावित कानून है, उसमें सड़क हादसा होने पर वाहन चालक को स्वयं घायल व्यक्ति या व्यक्तियों को अस्पताल ले जाना पड़ेगा और इसकी सूचना पुलिस को देना होगी। इसके साथ ही यदि वाहन चालक दोषी पाया जाएगा, तो उसे सात से लेकर दस साल तक की सजा होगी। उसे 5 से लेकर 10 लाख रुपए तक जुर्माना भरना पड़ेगा।

खनूजा ने कहा कि अपने देश में सड़क हादसे के बाद यदि वाहन चालक वहीं रुक जाए, तो भीड़ ही उसे पकड़कर मार डालेगी। यह सबसे बड़ी समस्या है और इसलिए ही यदि सड़क हादसे होते हैं, तो वाहन चालक के पास भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि बाद में वाहन चालक स्वयं ही पुलिस के समक्ष समर्पण कर देता है। लेकिन, वह भागता सिर्फ भीड़ से बचने के लिए ही है। यह प्रस्तावित कानून देश में आगामी एक अप्रैल से लागू करने की योजना है। नए कानून के प्रावधान जानने के बाद वाहन चालक वाहन चलाने तैयार नहीं हैं। इस वजह से आज से हड़ताल प्रारंभ हुई है। उनका दावा है कि यह हड़ताल अनिश्चितकालीन है।

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