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BHOPAL NEWS UPDATE : राज्यमंत्री नरेंद्र पटेल के बेटे द्वारा दोस्तों के साथ दंपति और पत्रकार की पिटाई पर राजनीति तेज, पीसीसी चीफ पीड़ितों को लेकर पहुंचे थाने

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंत्री के बेटे द्वारा एक दंपति और पत्रकार से मारपीट करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। शनिवार देर रात हुए इस घटनाक्रम और हंगामे के बाद रविवार को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पीड़ितों को लेकर शाहपुरा पुलिस थाने पहुंचे। उन्होेंने पुलिस से मांग उठाई कि इस पूरे मामले में राजनीतिक दबाव से परे पुलिस से पूरी तरह से निशष्पक्ष कार्रवाई  की मांग उठाई। पटवारी ने देर रात थाने पहुंचे मंत्री नरेंद्र पटेल द्वारा पुलिस पर दबाव बनाने पर भी निशाना साधा।

एक भी पुलिसकर्मी सस्पेंड हुआ तो धरना देगी कांग्रेस

जीतू पटवारी ने होटल संचालक के सिर के गंभीर घाव पुलिस को दिखाते हुए सवाल उठाया कि आखिर क्यों मंत्री पुत्र के खिलाफ हत्या के प्रयास के बजाय साधारण मारपीट की धाराओं में मुकदमा कायम किय़ा गया। मौके पर मौजूद पुलिस के अफसरों ने दावा किया कि फिलहाल प्रकरण की जांच जारी है और बाद में आरोपी पर धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं। जीतू पटवारी ने इस केस में चार पुलिस वालों को सस्पेंड करने के संबंध में जब पुलिस अफसरों से पूछा तो पुलिस ने इस संबंध में कोई भी जानकारी  न होने की बात कही। बाद में जीतू पटवारी ने चेतावनी दी कि अगर एक भी पुलिस कर्मी सस्पेंड हुआ तो कांग्रेस थाने के सामने धरना देगी।

मारपीट के बाद पुलिस को रौब भी दिखाया

प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे अभिज्ञान नरेंद्र पटेल शनिवार देर रात अपने दोस्तों के साथ जा रहे थे। तभी त्रिलंगा इलाके में अभिज्ञान की कार की टक्कर एक मीडियाकर्मी विवेक सिंह से हो गई।  इसके बाद अभिज्ञान ने अपने दोस्तों के साथ विवेक को पीटना शुरू कर दिया। इसी दौरान सामने स्थित रेस्टोरेंट संचालक दंपति डेनिस मार्टिन उर्फ सोनू और उनकी  पत्नी अलीशाने  जब बीच बचाव की कोशिश की तो अभिज्ञान और उसके दोस्तों ने उन दोनों को भी जमकर पीटा। इस दौरान जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची तो अभिज्ञान के दोस्त भाग गए। जब पुलिस ने अभिज्ञान को थाने चलने को कहा तो उसने जमकर हंगामा किया और पुलिस वालों को अपने पिता के मंत्री होने का रौब दिखाया।

मंत्री थाने पहुंच स्टाफ को सस्पेंड कराने पर अड़े

मामले को बढ़ता देख राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भी अपने समर्थकों के साथ रात साढ़े 10 बजे थाने पहुंचे। वे थाने में ही बैठ गए और पूरे स्टाफ को संस्पेंड कराने की बात कहने लगे। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस के आला अफसरों के साथ आस-पास के पुलिस थानों का बल भी शाहपुरा थाने बुलवा लिया गया। इस दौरान मंत्री ने अपने पुत्र के साथ मारपीट का इलजाम पुलिस पर लगाया। हालांकि देर रात तकरीबन 12.30 बजे मंत्री थाने से रवाना हो गए।

मंत्री पुत्र पर नशे में होने का आरोप

एसीपी मयूर खंडेलवाल के मुताबिक, इस केस में दोनों पत्रों ने  मारपीट के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने रात को ही दोनों पक्षों का मेडिकल कराया गया। देर रात हुई इस घटना में सोनू के सिर पर चोटें आई हैं। मारपीट की शिकायत करने जब सोनू अपनी पत्नी के साथ थाने पहुंचा तो मंत्री का बेटा भी वहां पहुंच गया था और थाने में भी दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया। पुलिस ने शांत रहने को कहा तो अभिज्ञान स्टाफ से भी उलझ गया।

मंत्री का बेटा भी हुआ घायल

थाने में अभिज्ञान और उसके दोस्त जब पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने लगे तो पुलिस ने सख्ती करते हुए उन्हें फटकार लगा दी। थाने पहुंचे मंत्रीइस घटनाक्रम से बेहद नाराज दिखे और आला अधिकारियों से पुलिस के रवैये की शिकायत की। इस घटनाक्रम से जुड़ा एक CCTV फुटेज भी सामने आया है। देर रात 1:25 बजे मामले में पहली FIR पीड़ित आलिशा की शिकायत पर दर्ज की गई। इधर, मंत्री पुत्र की रिपोर्ट पर भी रेस्टोरेंट संचालक दंपति और रेस्टोरेंट के स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

पीड़ित महिला बोली- मंत्री के बेटे ने दी धमकी

रेस्टोरेंट संचालक की पत्नी अलीशा ने पुलिस को बताया, 30 मार्च रात 8.00 बजे जब वे अपने रेस्टोरेंट में थी, तभी कुछ लोग एक लड़के की पिटाई कर रहे थे। उनसे पूछा कि क्यों मार रहे हो तो उन लड़कों ने गाली देते हुए उसकी भी पिटाई कर दी। इसी दौरान एक लड़के ने कहा कि “मैं मंत्री का बेटा हूं। मेरा नाम अभिज्ञान पटेल है, तू मेरा क्या बिगाड़ लेगी। तुझे गायब कर देंगे और तेरा रेस्टोरेंट भी तोड़ देंगे।”  अलीशा ने आगे कहा कि इन लड़कों ने इसके बाद अलीशा और उसके पति पर हमला बोल दिया।

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