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तीन माह में 45 से अधिक IAS अधिकारी बदले गए बार-बार

ट्रांसफर सिस्टम से पीएस पोरवाल सबसे ज्यादा प्रभावित, कई अफसर निराश

पुष्पेन्द्र सिंह, भोपाल। प्रदेश की नई सरकार को 90 दिन से अधिक समय हो गया। इन दिनों में ब्यूरोक्रेट्स में तबादलों को लेकर ऊहापोह की स्थिति रही। 40 से अधिक आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जिनका एक से अधिक बार तबादला हुआ। 2 आईएएस के तबादला आदेश छह घंटे में बदल गए। इस उठा-पटक में एक मात्र आईएएस विवेक पोरवाल को हर बार महत्वपूर्ण विभाग मिले। डॉ. मोहन सरकार ने तबादलों की शुरुआत 16 दिसंबर से की थी। पहले दौर में पीएस सीएम मनीष रस्तोगी, आयुक्त जनसंपर्क मनीष सिंह और उप सचिव नीरज वशिष्ट हटाए गए थे। ये कई दिनों तक बिना विभाग के रहे।

पोरवाल को मिलते गए अतिरिक्त प्रभार: 19 दिसंबर को मनीष सिंह को जनसंपर्क से हटाया। यह प्रभार सचिव सीएम एवं जनसंपर्क विवेक पोरवाल को मिला। 31 दिसंबर को पोरवाल प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू- अभिलेख भी बने। 14 मार्च को पीएस स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा और आयुक्त खाद्य सुरक्षा बने।

इनके विभाग दो बार बदले

  • एसीएस एसएन मिश्रा: जलसंसाधन एवं एनवीडीए के साथ जनजातीय कार्य विभाग मिला। फिर परिवहन और कृषि उत्पादन आयुक्त बने ।
  • अजीत केसरी: वित्त से हटाकर संचालक, आदिम जाति अनुसंधान, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पिछड़ा वर्ग एवं घुमक्कड़, अर्द्धघुम्मकड़ विभाग दिया। अगले आदेश में सिर्फ धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की बचा।
  • विनोद कुमार: जीएडी से महानिदेशक प्रशासन अकादमी बने। फिर कुटीर और ग्रामोद्योग का अतिरिक्त प्रभार ।
  • स्मिता भारद्वाज: सचिव मानव अधिकार आयोग से एसीएस खेल एवं युवक कल्याण,अतिरिक्त प्रभार खाद्यसहकारिता, फिर सहकारिता वापस।

दीपाली रस्तोगी के पास 1 विभाग

  • प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी के पास वाणिज्यिककर और महिला एवं बाल विकास विभाग थे। सहकारिता का अतिरिक्त प्रभार दिया। लेकिन, अब उनके पास मात्र सहकारिता विभाग है।
  • संजय शुक्ला को पीएचई से राजभवन भेजा। 45 दिन में महिला एवं बाल विकास दे दिया।
  • सुखबीर सिंह से परिवहन, पीडब्ल्यूडी छीने, अब उद्यानिकी विभाग है।
  • डॉ.नवनीत कोठारी को एमडी औद्योगिक विकास निगम से मछुआ कल्याण भेजा। अब एमएसएमई, एलयूएन और उद्योग विभाग हैं।
  • संजय गुप्ता को सचिव जीएडी से आयुक्त श्रम बनाया। अब आयुक्त उज्जैन संभाग हैं।

12 घंटे में बदले इनके विभाग

  • सचिव पंचायत धनंजय सिंह भदौरिया को एमडी मंडी बोर्ड बनाया। 5 घंटे में आदेश निरस्त। अगले दिन अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग में भेजा।
  • छोटे सिंह को रीवा से बदलकर सचिव राजस्व मंडल बनाया। कुछ घंटे में ही अपर आयुक्त ग्वालियर संभाग बनाया।
  • अरुण परमार को सिंगरौली कलेक्टर के पद से हटाकर उप सचिव एनबीडीए बनाया। अगले दिन अपर आयुक्त रीवा संभाग बना दिया।

इन अधिकारियों को भी एक से अधिक बार बदला गया

माल सिंह भयड़िया, रुचिका चौहान, तरुण राठी, तरुण पिथौड़े, मोहित बुंदस, मनोज पुष्प, शिवम वर्मा, कुमार पुरुषोत्तम, अमनबीर सिंह बैंस, स्पप्निल बानखेड़े आदि।

राजनीतिक दबाव से गड़बड़ हो जाता है पूरा सिस्टम

बार-बार तबादले होने का बड़ा कारण राजनीतिक दबाव होता है। ऐसे में अधिकारी ठीक से काम नहीं कर पाते। ब्यूरोक्रेट्स में निराशा के भाव आते हैं। प्रशासनिक सिस्टम गड़बड़ा जाता है। -अजय गंगवार, पूर्व आईएएस

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