
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साल के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने महाकुंभ को सनातन संस्कृति और लोक आस्था का प्रतीक बताया और इस भव्य आयोजन में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर सरकार की तैयारियों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल ही में घोषित किए गए दो नए टाइगर रिजर्व रातापानी और गुरु घासीदास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति हमेशा पशु-पक्षियों और प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने की सीख देती है।
उन्होंने इसे लेकर कहा, “यह हम सबके लिए गर्व की बात है कि देश में टाइगर रिजर्व की संख्या में वृद्धि हो रही है। ये हमारे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे,” पीएम ने कहा।
कुंभ भारतीय संस्कृति की परिचायक
पीएम मोदी ने कहा, “महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और व्यापकता का परिचायक भी है। करोड़ों श्रद्धालु यहां गंगा में डुबकी लगाकर अपनी आस्था को व्यक्त करते हैं। यह आयोजन हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ता है।”
रातापानी और गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व का जिक्र
भोपाल स्थित रातापानी टाइगर रिजर्व को उन्होंने मनुष्य और प्रकृति के सह-अस्तित्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। वहीं, छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व की अनूठी जैव विविधता का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जताया शुक्रिया
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमारे नए टाइगर रिजर्व का जिक्र कर इसे देश और दुनिया के सामने गौरवान्वित किया है। यह मध्य प्रदेश के लिए बहुत बड़ी बात है।”
सीएम ने यह भी कहा कि भोपाल ऐसा स्थान है जहां मनुष्य और टाइगर सह-अस्तित्व की भावना के साथ रहते हैं। रातापानी टाइगर रिजर्व इस सह-अस्तित्व का जीता-जागता उदाहरण है।
हाथियों की हो चुकी है मौत
सीएम ने हाथियों के संरक्षण के लिए असम के प्रयोगों का जिक्र किया और उन्हें मध्य प्रदेश में लागू करने की बात कही। हालांकि, उन्होंने बाधवगढ़ में हाल ही में 10 हाथियों की मौत पर चिंता व्यक्त की। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन हाथियों की मौत फंगस लगी कोदो खाने के कारण हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस समस्या के समाधान के लिए वैज्ञानिक कदम उठाएगी ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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