नई दिल्ली। हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूटस में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए UGC NET एग्जाम क्लियर करने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। इसके अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए सब्जेक्ट में NET क्वालिफाइड होना जरूरी नहीं होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूजीसी की नई ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की है। इसे यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
NET परीक्षा की अनिवार्यता खत्म
नए ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, अब विश्वविद्यालयों और हायर एजुकेशन संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए NET (National Eligibility Test) पास करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। उम्मीदवार अब केवल पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) डिग्री के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य होंगे।
पुराने नियमों की तुलना में बड़ा बदलाव
2018 के नियमों के तहत, किसी भी उम्मीदवार को प्रोफेसर बनने के लिए पीजी के बाद UGC-NET की परीक्षा पास करना जरूरी था। अब, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, इन नियमों में बदलाव किया गया है। यह कदम बहु-विषयक शिक्षा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को मौका मिल सकेगा।
VC पद के लिए भी बदले नियम
ड्राफ्ट गाइडलाइंस में वाइस चांसलर (VC) बनने के लिए 10 साल के टीचिंग अनुभव की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। अब वे विशेषज्ञ, जो किसी क्षेत्र में सीनियर लेवल पर 10 साल का अनुभव रखते हैं और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है, वो वाइस चांसलर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी चांसलर द्वारा एक चयन समिति का गठन किया जाएगा, जो अंतिम निर्णय लेगी।
उच्च शिक्षा में बढ़ेगी फ्लेक्सिबिलिटी- यूजीसी चेयरमैन
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा, “यह ड्राफ्ट उच्च शिक्षा में नवाचार और गति प्रदान करेगा। इससे शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।” यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा, “इन नए नियमों का उद्देश्य उच्च शिक्षा में लचीलापन और स्वतंत्रता बढ़ाना है। यह नियम मल्टी-सब्जेक्ट बैकग्राउंड से आने वाले फैकल्टी को चुनने में मदद करेगा।”