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बच्चों की क्रिएटिविटी बढ़ाने किट के रूप में आए मांडना, लिप्पन और डूडल आर्ट

नेशनल क्रॉफ्ट डे आज: बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए मार्केट में आई आर्ट किट्स

समर वेकेशन शुरू हो चुके हैं और बच्चों के लिए पैरेंट्स एक्टिविटी में व्यस्त रखने के तरीके तलाश करने लगते हैं। कई बच्चे हॉबी क्लास नहीं जाना चाहते तो कोई खुद से कुछ क्रिएट करना चाहते हैं। समर क्लासेस हर बच्चा जाए यह जरूरी भी नहीं इसलिए अब स्टोर्स पर ऐसे एक्टिविटी किट सेट आए हैं जिसमें बच्चे डू-इट योअर सेल्फ ढंग से काम कर सकते हैं। इसमें लिप्पन आर्ट किट, सैंड आर्ट किट, मांडना किट, वरली आर्ट किट, ज्वेलरी मेकिंग किट, नेल आर्ट, डूडल आर्ट, मेपोलॉजी किट जैसे कई तरह के कलेक्शन आ रहे हैं, जिन्हें बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स भी एंजाय कर सकते हैं। ओरेगामी किट, पेपरमेशी, स्टोन आर्ट जैसी कलाएं भी घर बैठे सीखना आसान हो गया है। नेशनल क्रॉफ्ट डे (14 मार्च) मौके पर जानिए ऐसे आर्ट वर्क के नए ट्रेंड।

मांडना आर्ट किट है खास

मांडना राजस्थान, हरियाणा, ब्रज, मालवा, निमाड़ आदि क्षेत्रों की समृद्ध चित्रकला विधा है। मांडणे का अर्थ मांडना यानी चित्र बनाना। इस आर्ट को बच्चों को सिखाया जा सकता है क्योंकि अब बच्चों के लिए इसकी किट आ रही है, जिसमें इससे संबंधित सामग्री होती है।

जंगल मैजिक डूडल

डूडलिंग वर्क कोई भी खाली समय में कर सकता है। कई सारे डिजाइन बनाकर उसमें रंग भरना काफी रिलेक्सिंग एक्टिविटी होती है। डूडल आर्ट यंगस्टर्स और बच्चे काफी पसंद करते हैं। इसकी किट भी अब आर्ट एंड क्रॉफ्ट स्टोर्स पर मिलती हैं। इसके साथ पिलो कवर भी आते हैं।

लिप्पन आर्ट से सीखें संतुलन

लिप्पन आर्ट का ट्रेंड काफी ज्यादा है। गुजराती लिप्पन आर्ट में एमडीएफ बोर्ड के ऊपर व्हाइटनिंग प्रोडेक्ट गैसो एप्लाई करके क्ले से पतली डोरियां बनाकर बोर्ड पर उकेरे गए डिजाइन पर लगाई जाती हैं। जब यह डिजाइन क्ले की डोरियों से पूरा सज जाता है तब कांच लगाकर इसे सजाया जाता है। इसके बाद मनचाहे रंग लगाकर इसे पेंट किया जाता है।

बच्चे मोबाइल पर गेम खेलने को खेलना मानते हैं लेकिन जब आप बचपन से ही उन्हें कलात्मक कार्यों से जोड़ेंगे तो वे इसमें मन लगाएंगें। समर वेकेशन बच्चों को नई चीजों के साथ कनेक्ट करने का अच्छा मौका है। अब तो मार्केट में रेडीमेड किट आने लगी है जिसमें हर आर्ट की पूरी सामग्री होती है। बच्चे अपने हाथ से कुछ रचेंगे तो उन्हें मजा आएगा। -डॉ. शिखा रस्तोगी, एक्सपर्ट चाइल्ड साइकोलॉजी

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